Haryana के 24 शहरों में से 15 शहर 2024 की पहली छमाही में पीएम 2.5 के स्तर के आधार पर भारत के 100 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
भारत के राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक (NAAQS) के अनुसार पीएम 2.5 और पीएम 10 के वार्षिक स्तर की सुरक्षित सीमा क्रमशः 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है।
हालांकि, ये सीमाएं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 2021 दिशानिर्देशों से बहुत अधिक हैं, जो पीएम 2.5 के लिए पांच माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 10 के लिए 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सिफारिश करते हैं।
Haryana जनवरी से जून तक के वायु गुणवत्ता आंकड़ों से पता चला
Haryana के प्रत्येक शहर में NAAQS और WHO पीएम 10 का स्तर मानकों से अधिक है। फरीदाबाद हरियाणा का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां औसत पीएम 2.5 स्तर 103 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा, जो एनएएक्यूएस और विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों से कहीं अधिक है।
केवल तीन शहर – पलवल, अंबाला और मांडीखेड़ा – पीएम 2.5 के स्तर को एनएएक्यूएस सीमा से कम रखने में कामयाब रहे।
गुरुग्राम में पीएम 10 की सांद्रता सबसे अधिक 227 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही, जबकि अंबाला में यह सबसे कम, 79 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई।
Haryana Election: विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें तेज,राहुल गांधी से मुलाकात कीऊर्जा एवं स्वच्छ वायु अनुसंधान केंद्र (CREA) में विश्लेषक मनोज कुमार ने कहा, हरियाणा के सभी 24 शहरों में साल की पहली छमाही में पार्टिकुलेट मैटर का स्तर डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक पाया गया।
Haryana के कई शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है
लेकिन केवल फरीदाबाद ही वर्तमान में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम का हिस्सा है, अन्य शहरों में इस समस्या से निपटने के लिए कार्ययोजना का अभाव है।
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