सहसवान सीएचसी में विधुत आपूर्ति ठप होने के बाद मोबाइल की टॉर्च से कराए जा रहे है प्रसव

सहसवान सीएचसी में विधुत आपूर्ति ठप होने के बाद मोबाइल की टॉर्च से कराए जा रहे है प्रसव रिपोर्ट – एस.पी सैनी सहसवान। सामुदायिक स्वास्थ्य…

सहसवान सीएचसी में विधुत आपूर्ति ठप होने के बाद मोबाइल की टॉर्च से कराए जा रहे है प्रसव

रिपोर्ट – एस.पी सैनी

सहसवान। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहसवान में विधुत आपूर्ति में व्यवधान के चलते आपूर्ति सुचारू रखने के उद्देश्य से केंद्र में लगे जनरेटर व्यवस्था ठप होने से जच्चा-बच्चा केंद्र में प्रसव रात के अंधेरे में कराए जाते हैं। जिससे जच्चा बच्चा को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है यही नहीं कभी-कभी विधुत आपूर्ति ठप होने से जच्चा बच्चा की जान पर भी बन आती है।

ज्ञात रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था 24 घंटे बनाए रखने के लिए विधुत व्यवस्था ठप होने पर 25 किलो वाट तथा 5 किलो वाट के जनरेटर लगे हुए हैं।विधुत आपूर्ति

विधुत आपूर्ति बनाए रखने के लिए जच्चा बच्चा केंद्र आपातकालीन वार्ड के अलावा

वैक्सीन कोल्ड चैन रूम की विधुत आपूर्ति 24 घंटे दुरुस्त रखने के लिए विद्युत आपूर्ति ठप होने पर विभाग द्धारा केंद्र को 25 किलो वाट तथा 5 किलो वाट का जनरेटर उपलब्ध कराया गया है। परिसर में उपरोक्त जनरेटर से विधुत आपूर्ति बनाए रखने के लिए अधिकारी कर्मचारियों के आवास सीएचसी जिसमें आपातकालीन सेवा एटीएम हेल्थ रूम के साथ ही जच्चा बच्चा केंद्र जोड़े गए हैं।

दहेज की मांग

जिनमें 24 घंटे विद्युत आपूर्ति बनाए रखना नितांत आवश्यक है। परंतु विधुत व्यवस्था ठप होने पर 25 किलो वाट का अधिकारियों विधुत जनरेटर नहीं चलाया जाता 25 किलो वाट के नाम पर मात्र 5 किलो वाट का जनरेटर 24 घंटे में कुछ घंटे ही चलाया जाता है जोकि परिसर की विधुत आपूर्ति बनाए रखने में नाकाम साबित हो रहा है।जच्चा बच्चा केंद्र में प्रसव का कार्य 24 घंटे चलता है तथा प्रसूता के अलावा जच्चा बच्चा भी परिसर में रहते हैं।

विधुत आपूर्ति

सरकारी योजनाओं की सूची

विधुत आपूर्ति ठप होने से जहां जच्चा बच्चा की जान पर बन आती है।

वही प्रसव कराते समय प्रसव करा रही स्टाफ नर्सों को मोबाइल की लाइट मोमबत्ती के सहारे डिलीवरी करानी पड़ती है। जो कभी-कभी जच्चा बच्चा की जान पर भी बनाती है।क्योंकि जच्चा बच्चा परिसर में लगे इनवर्टर कुछ ही घंटों में चलकर दम तोड़ देते हैं बताया जाता है कि अधिकारियों द्धारा बड़े जनरेटर चलाए जाने के नाम पर डीजल की खपत तो दिखाई जाती है। परंतु बड़े जनरेटर के नाम छोटा जनरेटर चलाकर काम चलाया जाता है। बड़े जनरेटर के नाम पर डीजल की जो खबर दिखाई जाती है। वह अधिकारी उपरोक्त डीजल को अपनी गाड़ियों में डलवाकर विभाग को चूना लगाने का काम कर रहे हैं।

इस बाबत चिकित्सा अधीक्षक डॉ प्रशांत त्यागी से पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बताया की विधुत व्यवस्था ठप होने पर जनरेटर से आपूर्ति की जाती है।परंतु यह पूछने पर पूरे सीएचसी परिसर को विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था क्या 5 किलो वाट के जनरेटर से की जा सकती है। इस पर्वत चुप्पी साध गए।

विधुत आपूर्तिनगरवासियों का कहना है। कि रात के समय

विधुत आपूर्ति ठप होने से परिसर में पूरी तरीके से सन्नाटा पसर जाता है। लोगों को आपातकालीन व्यवस्थाओं के वास्ते आने जाने पर भारी परेशानी का सामना होता है। नगरवासियों ने सीएचसी परिसर में जनरेटर व्यवस्था से विधुत आपूर्ति बनाए रखने में किए जा रहे डीजल के खेल की जांच कराए जाने की मांग की हैl

सचिवालय

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