रोडवेज बस के रंग में रंगीं तीन डग्गामार बसें सीज, पुलिस ने छह चालक-परिचालक किए गिरफ्तार भेजा जेल
उझानी। रोडवेज बस के रंग और रूप की डग्गामार बसों के अवैध संचालन का सोमवार रात भंडाफोड़ हो गया। सड़क किनारे बसें खड़ी करके सवारियां बैठाने को लेकर चालक-परिचालक आपस में झगड़ने लगे तो पुलिस ने तीन बसों समेत उनके स्टाफ के छह सदस्यों को दबोच लिया। पुलिस ने पूछताछ के बाद उनके मालिकों के नाम और पते भी हासिल कर लिए। चालक-परिचालकों समेत बसों के मालिकों के खिलाफ भी नामजद रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। चालक-परिचालक और उनके मालिक अलीगढ़, गाजियाबाद और बुलंदशहर जिले के निवासी हैं।
मामला रात करीब दस बजे का है। पुलिस के मुताबिक, बदायूं मोड़ कल्याण चौक पर बदायूं की ओर से दो बसें आकर रुकी और दिल्ली के लिए सवारियों बैठाने लगीं।
दोनों बसों का रंग और रूप रोडवेज बसों के जैसा ही था, इसलिए सवारियां भी खाली सीटों वाली बसों में जाकर बैठने लगीं। इसी दौरान सवारियों को लेकर परिचालकों में कहासुनी हो गई। इसी बीच दिल्ली की ओर से भी ऐसी ही एक और बस आ गई। कहासुनी के बाद पुलिस ने तीनों बसों के चालक-परिचालकों को पकड़ लिया। बसें भी कब्जे में ले लीं। चालक-परिचालकों ने पुलिस को बताया कि उनके मालिकों ने बसों का रंग रोडवेज की तरह महज इसलिए कराया हुआ है ताकि सवारियों को आसानी से गुमराह किया जा सके।
उत्तर प्रदेश परिवाहन की जानकारी
पुलिस ने दरोगा हरगोविंद सिंह की ओर से धोखाधड़ी से बसों का अवैध संचालन करने के आरोप में बुलंदशहर जिले में बाजार खानपुर निवासी मासा अल्लाह पुत्र अब्दुल वहीद, अहमदगढ़ के उमेश पुत्र रतन सिंह, अलीगढ़ के गभाना निवासी उमेशचंद्र पुत्र हरीशचंद्र, बरौली के आशीष पुत्र हरप्रसाद, गाजियाबाद जिले में बस अड्डा निवासी कुमुद पत्नी अरविंद, जलालपुर निवासी मनजीत पुत्र विनोद कुमार, इशहाकनगर निवासी इस्तखार पुत्र कलुवा, हापुड़ के बाबूगढ़ निवासी भारत सिंह पुत्र धर्मसिंह और जरीफनगर चेतन कुमार पुत्र राजाराम के खिलाफ आईपीसी की धारा- 420, 467, 468, 469 और 471 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मासा अल्लाह, इस्तखार, आशीष, उमेश, भारत सिंह और मनजीत को गिरफ्तार कर लिया है।
बदायूं-कासगंज रोड पर भी होता है ऐसी बसों का संचालन
दिल्ली रोड पर प्राइवेट बसों के अवैध संचालन को लेकर चश्मदीद लोगों की मानें तो सोमवार रात चौक के पास से सीओ शक्ति सिंह निकले। उनकी नजर आपस में झगड़ रहे चालक-परिचालकों पर पड़ी तो असलियत के बारे में जानकारी की। इसके बाद मौके पर पुलिस फोर्स भी पहुंच गया। ड्राइवरों ने पुलिस को यह भी बताया कि वह मालिकों की बसें ठेके पर चलाते हैं। बस मालिकों को प्रत्येक खेप के हिसाब से निर्धारित रकम सौंप दी जाती है। बदायूं-कासगंज रोड पर भी ऐसी बसों का संचालन बताया गया है।
रोडवेज अफसरों की अनदेखी के चलते फर्जी रोडवेज बसों के संचालन का हो रहा था खेल-
यहां रोडवेज के रंग और रूप की प्राइवेट बसें पकड़ जाने के बाद विभाग के अफसरों की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। बताते हैं कि अवैध बसों के संचालन के बारे में रोडवेज के अफसरों को भी पता है। आमदनी में गिरावट होने पर रोडवेज बसों के चालक और परिचालक भी अफसरों से शिकायत करते रहे हैं। बावजूद इसके प्राइवेट बस संचालकों के खिलाफ कार्रवाई कोई कदम नहीं उठाया जाता।
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