samar india अलीगढ़ : उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने न केवल स्थानीय समुदाय को हिलाकर रख दिया, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई। एक महिला, जो अपनी बेटी की शादी की तैयारियों में व्यस्त थी, अपने होने वाले दामाद के साथ फरार हो गई। यह घटना मडराक थाना क्षेत्र के मनोहरपुर गांव की है, जहां जितेंद्र कुमार की पत्नी सपना और उनकी बेटी शिवानी के मंगेतर राहुल ने रिश्तों की मर्यादा को तार-तार कर दिया। पुलिस ने इस जोड़ी को उत्तराखंड के रुद्रपुर में खोज निकाला, लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। हाल ही में कई नए खुलासों ने इस मामले को और जटिल बना दिया है। आइए, इस अनोखी प्रेम कहानी के हर पहलू को विस्तार से समझते हैं।
अलीगढ एक अनोखी प्रेम कहानी
जितेंद्र कुमार, जो बेंगलुरु में नौकरी करते हैं, ने अपनी बेटी शिवानी की शादी राहुल नाम के एक युवक से तय की थी। शादी 16 अप्रैल 2025 को होनी थी, और परिवार में तैयारियां जोर-शोर से चल रही थीं। जितेंद्र ने शादी के लिए 5 लाख रुपये के गहने और 3.5 लाख रुपये नकद का इंतजाम किया था। लेकिन शादी से नौ दिन पहले, सपना और राहुल अचानक गायब हो गए। परिवार को पहले लगा कि दोनों कहीं काम से गए होंगे, लेकिन जब घंटों तक कोई खबर नहीं मिली, तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज की।
पुलिस ने सर्विलांस की मदद से दोनों की लोकेशन उत्तराखंड के रुद्रपुर में ट्रेस की। पता चला कि सपना और राहुल बस से अलीगढ़ से उत्तराखंड पहुंचे थे। लेकिन जब पुलिस उन्हें पकड़ने पहुंची, तो दोनों वहां से भी फरार हो चुके थे। हाल की खबरों के अनुसार, उनकी नई लोकेशन गुजरात में मिली है, और पुलिस अब वहां तलाश कर रही है।
अलीगढ नए खुलासे: रिश्तों की उलझन
इस मामले में हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। जितेंद्र ने बताया कि सपना ने राहुल को एक स्मार्टफोन गिफ्ट किया था, जिसके बाद दोनों के बीच घंटों बातचीत होने लगी। जितेंद्र के अनुसार, “राहुल मेरी पत्नी से इतनी बात करता था, जितनी अपनी मंगेतर शिवानी से भी नहीं करता था।” एक बार जब जितेंद्र ने राहुल को फोन किया, तो उसने धमकी देते हुए कहा, “तुम उसे भूल जाओ, अब वह मेरे साथ है।”
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पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि राहुल के दोस्तों और उसके जीजा योगेश ने इस भागने की योजना में मदद की थी। योगेश को हिरासत में लिया गया है, और उससे पूछताछ जारी है। पुलिस को शक है कि योगेश ने दोनों को गुजरात भेजा हो सकता है। इसके अलावा, राहुल के एक रिश्तेदार ने दावा किया कि सपना ने राहुल को “अपहरण” किया है, लेकिन इस दावे की पुष्टि नहीं हुई है।
परिवार का दर्द: बेटी और पति की पीड़ा
इस घटना ने जितेंद्र और शिवानी के परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। शिवानी, जो अपनी शादी के सपने संजो रही थी, अपनी मां की इस हरकत से टूट चुकी है। उसने मीडिया से बातचीत में कहा, “मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि मेरी मां ने ऐसा किया। मैं चाहती हूं कि वह जहां भी हों, सुरक्षित रहें, लेकिन इसने हमारा परिवार बर्बाद कर दिया।” जितेंद्र भी घर से बाहर नहीं निकल रहे और बार-बार यही कह रहे हैं, “मैंने उसका साथ 20 साल तक निभाया, और उसने मुझे धोखा दे दिया।”
सामाजिक प्रभाव: रिश्तों पर सवाल
यह घटना केवल एक परिवार की कहानी नहीं है, बल्कि समाज में रिश्तों की पवित्रता पर सवाल उठाती है। सोशल मीडिया पर लोग इस मामले को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग सपना और राहुल की निंदा कर रहे हैं, तो कुछ इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला बता रहे हैं। मनोवैज्ञानिक डॉ. अनीता शर्मा कहती हैं, “ऐसी घटनाएं तब होती हैं, जब लोग भावनात्मक रूप से कमजोर होते हैं या सामाजिक दबाव से तंग आ चुके होते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि रिश्तों की मर्यादा को भुला दिया जाए।”
अलीगढ पुलिस की कार्रवाई: तलाश जारी
अलीगढ़ पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है। डिप्टी एसपी महेश कुमार ने बताया, “हमने दोनों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) निकाली है और उनकी लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी आखिरी लोकेशन गुजरात में मिली है, और हमारी एक टीम वहां भेजी गई है।” पुलिस ने राहुल के दोस्तों की भी पहचान शुरू कर दी है, जो इस मामले में शामिल हो सकते हैं।
क्या है इस कहानी का भविष्य?
यह कहानी अभी खत्म नहीं हुई है। सपना और राहुल का ठिकाना बदलने का सिलसिला जारी है, और पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। इस बीच, यह घटना समाज में कई सवाल छोड़ गई है। क्या रिश्तों की मर्यादा को इस तरह तोड़ा जाना उचित है? क्या सपना और राहुल का प्यार सामाजिक बंधनों से ऊपर है? इन सवालों के जवाब शायद समय के साथ मिलें, लेकिन अभी के लिए यह कहानी हर किसी के जेहन में एक अनसुलझा रहस्य बनकर रह गई है।
विशेषज्ञ की राय: सामाजिक और कानूनी दृष्टिकोण
कानूनी विशेषज्ञ रविंदर सिंह कहते हैं, “इस मामले में अगर कोई आपराधिक गतिविधि, जैसे चोरी या धोखाधड़ी, साबित होती है, तो दोनों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। लेकिन अगर यह केवल दो वयस्कों का आपसी फैसला है, तो कानून ज्यादा हस्तक्षेप नहीं कर सकता।” सामाजिक कार्यकर्ता रीमा वर्मा का कहना है, “हमें ऐसे मामलों में परिवारों को काउंसलिंग और समर्थन देने की जरूरत है, ताकि वे इस तरह के सदमे से उबर सकें।”
निष्कर्ष: एक सबक और सवाल
अलीगढ़ की इस सास-दामाद की कहानी ने हमें यह सोचने पर मजबूर किया है कि रिश्ते कितने नाजुक होते हैं। यह घटना न केवल एक परिवार के लिए दुखद है, बल्कि समाज के लिए भी एक सबक है। हमें अपने रिश्तों को मजबूत करने और एक-दूसरे के प्रति विश्वास बनाए रखने की जरूरत है। साथ ही, यह भी जरूरी है कि हम भावनात्मक फैसलों को लेने से पहले उनके परिणामों पर विचार करें।