(सावधान) कारोबारी के बेटे को पेटीएम के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करना पड़ गया भारी, खाते से निकले 22.50 लाख रुपये

(सावधान) कारोबारी के बेटे को पेटीएम के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करना पड़ गया भारी, खाते से निकले 22.50 लाख रुपये दातागंज। हेल्पलाइन नंबरों पर…

(सावधान) कारोबारी के बेटे को पेटीएम के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करना पड़ गया भारी, खाते से निकले 22.50 लाख रुपये

दातागंज। हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करना ही कारोबारी को भारी पड़ गया। कारोबारी के मोबाइल पर पेटीएम से ऑनलाइन पेमेंट भेजने पर मेसेज नहीं आ रहे थे। परेशानी दूर कराने के लिए बेटे से पेटीएम के हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन साइबर क्रिमिनल ने उन्हें अपना शिकार बना लिया। हेल्पलाइन नंबर पर फोन करने के बाद ठगों ने फोन करना शुरू कर दिया, वह उनकी बातों के झांसे में आए और 22.50 लाख रुपये गंवा बैठे इस मामले में मुकदमा दर्ज हो गया है।

पेटीएम

उत्तर प्रदेश पुलिस

कारोबारी के बेटे के एप डाउनलोड करते ही खाते से पांच बार में निकल गए 22.50 लाख रुपये-

दातागंज कोतवाली क्षेत्र के डहरपुर कलां निवासी राकेश कुमार गुप्ता सीमेंट सरिया के व्यापारी हैं। वह गल्ला का भी काम करते हैं। उनसे तमाम छोटे-मोटे व्यापारी जुड़े हैं।अधिकतर व्यापारी ऑनलाइन ही लेनदेन करते हैं। राकेश कुमार गुप्ता के मुताबिक, 26 मई को एक ग्राहक ने उनके खाते में ऑनलाइन भुगतान किया था, लेकिन उसका मेसेज उनके मोबाइल पर नहीं आया। इससे परेशान होकर उनके बेटे अंकित ने पेटीएम हेल्पलाइन पर शिकायत कर दी। वहीं से साइबर ठग उनके पीछे लग गए और उन्होंने व्यापारी का मोबाइल नंबर प्राप्त कर लिया।

साइबर ठगों ने अंकित से एक अधिकारी बनकर बात की।

उसके मोबाइल में एक एप डाउनलोड करा दिया और एक ही दिन में पांच बार में 22.50 लाख रुपये खाते से निकाल लिए। जब इसके बारे में सीमेंट व्यापारी को पता चला तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने कोतवाली जाकर तुरंत मोबाइल नंबर के आधार पर एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने भी काफी खोजबीन की, लेकिन पेटीएम साइबर ठगों का कुछ पता नहीं चला।

कई व्यापारी हुए चौकन्ने

दातागंज इलाके का डहरपुर कलां व्यापारिक दृष्टिकोण से काफी समृद्ध है। यहां हर तरह के प्रतिष्ठान मौजूद हैं। यहां के व्यापारी मुनेंद्र कुमार उर्फ रिंकू ने बताया कि उनके मोबाइल पर कई बार साइबर ठगों की कॉल आ चुकी है, लेकिन वह फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। व्यापारी मनीष गुप्ता ने बताया कि हमारा ऑनलाइन ही भुगतान होता है। इस घटना से व्यापारी चौकन्ने हो गए हैं।पेटीएम

सचिवालय

 

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