एडीजी,आईजी पहुंचे बदायूँ…डॉ.दंपति के घर पहुंचकर घटना स्थल का बारिकी से किया निरीक्षण-

एडीजी,आईजी पहुंचे बदायूँ…डॉ.दंपति के घर पहुंचकर घटना स्थल का बारिकी से किया निरीक्षण-

कोठी पर हुई लूटपाट की घटना पुलिस के गले की हड्डी साबित हो रही है।

बदायूं। जनपद में डॉ. दंपति की कोठी में हुई लूट से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। कल गुरुवार दोपहर वक्त एडीजी पीसी मीणा और आईजी डॉ.राकेश सिंह ने बुजुर्ग डॉ.दंपति की कोठी पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया।एडीजी ने डॉ.दंपति से घटना की जानकारी ली और एसएसपी को जल्द घटना के खुलासे के निर्देश दिए। कहा, बदमाशों की गिरफ्तारी में कोई कोताई नहीं होनी चाहिए।शहर के जाने-माने डॉ.एसएन गोविल की कोठी पर हुई लूटपाट की घटना पुलिस के गले की हड्डी साबित हो रही है।

प्राथमिक जांच में पुलिस की हुई लेटलतीफी की कारण बदमाश इलाके से आसानी से फरार होने में कामयाब हो गए।

पुलिस द्धारा अब अंदेशा लगाया जा रहा है कि बदमाश शहर नहीं बल्कि दूसरे जिलों से हो सकते हैं। जिन्होंने डॉक्टर के किसी करीबी से मदद लेकर लूटपाट की पूरी साजिश रची हो, लेकिन ऐन वक्त पर अधिवक्ता के पहुंचने पर बदमाशों की साजिश पूरी तरह से कामयाब नहीं हो सकी।एसएसपी ने सदर कोतवाली पुलिस की लापरवाही मानते हुए इंस्पेक्टर समेत सात पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया।

गुरुवार दोपहर के वक्त एडीजी पीसी मीणा और आईजी डॉ.राकेश सिंह डॉक्टर दंपति की कोठी पर पहुंचे।

यहां उन्होंने डॉक्टर दंपति से घटना को लेकर करीब 20 मिनट तक पूछताछ की। इसके बाद घटनास्थल का बारिकी से निरीक्षण किया। एडीजी ने एसएसपी को निर्देश दिए हैं की इस तरह की घटनाएं शहर में होना पुलिस के छवि को धूमिल करती है। इस घटना में जो भी संलिप्त है, उसकी गिरफ्तारी करके सख्त कार्रवाई की जाए।

बदायूँ पुलिस

निलंबित पुलिसकर्मियों की हर स्तर पर लापरवाही आई सामने
जिले में डॉक्टर दंपती से लूटपाट के मामले में यूपी 112 पुलिस के सिपाही से लेकर कोतवाली इंस्पेक्टर तक की लापरवाही सामने आई है। इसमें प्राथमिक जांच सीओ उझानी से कराई गई थी।

इंस्पेक्टर कोतवाली राजीव कुमार तोमर: पुलिस व्यवस्था में फेल, प्रभावी गश्त न करा पाना, चेकिंग का अभाव
इंस्पेक्टर क्राइम सहंसरवीर सिंह: अपराध नियंत्रण में फेल, मुखबिर तंत्र कमजोर
चौकी इंचार्ज उपधेश कुमार: सिपाहियों पर निर्भर, गश्त में कमजोर, क्षेत्रीय जानकारी का अभाव
एसआई विनय कुमार: अपनी जिम्मेदारियों का पालन न करना, सिपाहियों पर नियंत्रण कमजोर, क्षेत्र की जानकारी नहीं
बीट आरक्षी सुमित और विक्रांत: बीट क्षेत्र में सक्रिय न रहना, लोगों से जानकारी न करना
पीआरवी का सिपाही कमल किशोर: सूचनाओं को गंभीरता से न लेना, पर्याप्त गश्त न कर

एडीजी

सचिवालय

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