West Bengal Panchayat Election : हाल ही में सोशल मीडिया पर एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमे आपको बतादें कि पश्चिम बंगाल में आज पंचायत चुनाव हो रहे हैं. चुनाव में हिंसा की आशंका के बीच भारी सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. इसके बावजूद कूचबिहार में एक एक पोलिंग बूथ में तोड़फोड़ और बैलेट पेपरों को आग लगाने की घटना सामने आई है. राज्य चुनाव आयोग के अनुसार 22 जिलों की 63,229 ग्राम पंचायत सीटों, पंचायत समिति की 9,730 सीटों और जिला परिषद की 928 सीटों पर चुनाव प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर लगी है.
West Bengal Panchayat Election : 11 जुलाई को आएंगे चुनाव के नतीजे
इतना ही नहीं चुनाव के दौरान 5.67 करोड़ वोटर्स मतदान करेंगे. चुनाव के नतीजे 11 जुलाई को आएंगे. अधिकारियों के अनुसार, राज्य में चुनाव संबंधी हिंसा में अभी तक 16 लोगों की मौत हुई है. पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के लिए मतदान जारी हैं. इस दौरान पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी.आनंद बोस ने मतदान केंद्रों का दौरा किया और मतदाताओं एवं उम्मीदवारों से बातचीत की.
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West Bengal Panchayat Election : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान बेहद चुनौतिपूर्ण
वहीँ दूसरी और आपको बताते चले कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले पिछले कुछ दिनों में मुर्शिदाबाद, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, उत्तर दिनाजपुर, मालदा और कूचबिहार जैसे जिलों में हिंसा की कई घटनाओं सामने आई हैं. ऐसे में राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान बेहद चुनौतिपूर्ण है.इन चुनावों के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है और यहां तक कि उन्हें परिणाम घोषित होने के बाद दस दिनों तक रुकने का आदेश दिया गया, ताकि चुनाव के बाद किसी भी तरह की हिंसा को रोका जा सके.
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West Bengal Panchayat Election : हिंसा की घटनाओं की संख्या को कम करने में सक्षम
इतना ही नहीं बंगाल में चुनावों के दौरान हिंसा का इतिहास रहा है जो कम्युनिस्ट शासन के दौरान बड़े पैमाने पर थी और आज तक जारी है. हालाँकि दूसरी ओर राज्य सरकार का दावा है कि वह हिंसा की घटनाओं की संख्या को कम करने में सक्षम है और मीडिया झूठी कहानी पेश करने के लिए छिटपुट घटनाओं का उपयोग कर रहा है.
इससे पहले हिंसा को रोकने के लिए कथिततौर पर पर्याप्त कदम नहीं उठाने के लिए राज्यपाल की आलोचना झेल रहे राज्य चुनाव आयोग ने इन चुनावों के लिए केंद्रीय बलों की 800 से अधिक कंपनियों की मांग की थी. पंचायत चुनाव के लिए राज्य में जनसभाएं, रोडशो और घर-घर जाकर प्रचार किया गया. इसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी समेत अनेक नेताओं ने भाग लिया.