नयी दिल्ली: Wakf Amendment Act – 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के खिलाफ केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में एक कैविएट याचिका या चेतावनी दायर की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अदालत सरकार का पक्ष जाने बगैर सुनवाई से पहले कोई आदेश पारित न करे।
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शीर्ष अदालत अगले सप्ताह वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विचार कर सकता है।कुछ वकीलों का अनुमान है कि इस मामले की सुनवाई 15 या 16 अप्रैल को हो सकती है। याचिकाओं और न्यायाधीशों की संरचना का विवरण देने वाली सूची अभी शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की जानी है।
Wakf Amendment Act की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विचार कर सकता
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सांसद मनोज झा और फैयाज अहमद ने भी वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की वैधता को चुनौती देते हुए याचिकाएं दायर की है। उन्होंने अपनी याचिकाओं में कहा है कि यह संशोधन मुस्लिम धार्मिक बंदोबस्त में बड़े पैमाने पर सरकारी हस्तक्षेप को बढ़ावा देता है।
शीर्ष अदालत के समक्ष सभी याचिकाकर्ताओं ने इस अधिनियम पर रोक लगाने की गुहार के साथ ही संशोधन को असंवैधानिक घोषित करने सहित अन्य प्रार्थनाएं भी की हैं। संशोधन के खिलाफ अब तक शीर्ष अदालत में एक दर्जन से अधिक याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं।