मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम नियम-310 के अंतर्गत सदन का कामकाज रोककर आपदा पर चर्चा करने को तैयार थे। सरकार ने पूरी तैयारी कर रखी थी, लेकिन विपक्ष पहले दिन से ही सदन न चलने की मंशा लेकर आया था। सीएम ने कहा कि अगर विपक्ष के नेता सदन में सोने के बजाय आपदा प्रभावितों के बीच जाकर रात बिताते, तो उन्हें वहां की वास्तविक स्थिति और पीड़ा का अंदाज़ा होता। उन्होंने कहा कि आपदा के बीच सत्र आयोजित करना एक चुनौती थी, जिसे सरकार ने पूरा कर दिखाया।
Uttarakhand News : विपक्ष पर सदन ठप कराने का आरोप
सीएम धामी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्होंने खुद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और विधायक प्रीतम सिंह से सदन चलाने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार थी, लेकिन विपक्ष ने जानबूझकर सदन नहीं चलने दिया। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह जनता के मुद्दों से नहीं, बल्कि अपने निजी हितों से जुड़ी राजनीति में लगा हुआ है। इससे जनता का धन और समय दोनों बर्बाद हुए।
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Uttarakhand News : महत्वपूर्ण विधेयकों से विपक्ष का किनारा
सीएम ने कहा कि सरकार अवैध मदरसों को लेकर अल्पसंख्यक विधेयक लेकर आई थी, लेकिन विपक्ष को इस पर कोई रुचि नहीं थी। अनुपूरक बजट में विकास की कई योजनाएं लाई गई हैं, जिनको अब धरातल पर उतारा जाएगा। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के विधायक भी आपदा जैसे गंभीर मुद्दे पर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन विपक्ष को लगता था कि चर्चा होने पर उनकी पोल खुल जाएगी। इसलिए उन्होंने लगातार व्यवधान पैदा किया।
Uttarakhand News : चुनावों में हार से बौखलाया विपक्ष
मुख्यमंत्री धामी ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि उन्होंने सदन में रात बिताकर सस्ती लोकप्रियता पाने का “ड्रामा” किया। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में जहां कांग्रेस जीती, वहां सब कुछ ठीक था, लेकिन जहां हार मिली, वहां धांधली के आरोप लगाए गए। केदारनाथ उपचुनाव, निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव में भाजपा की जीत ने विपक्ष की स्थिति स्पष्ट कर दी है। सीएम ने कहा कि विपक्ष को सेमीफाइनल का जवाब जनता ने दे दिया है।

