बलिदानी मोहित के परिवार को 50 लाख की आर्थिक सहायता देगी यूपी सरकार,गांव में बनेगा शहीद पार्क
बदायूं।बलिदानी मोहित राठौर के शौर्य को नमन करने के लिए उनके गांव सभानगर में शहीद पार्क का निर्माण कराया जाएगा। जिस जगह पर उनका अंतिम संस्कार किया गया वहीं, पर इसका निर्माण होगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बलिदानी जवान के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और जनपद की एक सड़क का नामकरण मोहित राठौर के नाम पर करने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि शोक की इस घड़ी में प्रदेश सरकार उनके साथ है। शहीद के परिवार को हर संभव मदद प्रदान की जाएगी।
पिता नत्थू सिंह राठौर अपने खेत में ही बेटे का अंतिम संस्कार करना चाहते थे। शनिवार शाम से ही तैयारियां चल रही थीं। सुबह भाजपा विधायक राजीव कुमार सिंह व जिलाध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता और अन्य नेताओं ने उन्हें ग्राम समाज की जगह पर अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार किया। अब वहां शहीद पार्क का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों से भी बात की गई है।
बहन बोली- उन्हें बताया था राजस्थान में है तैनाती:-बलिदानी मोहित राठौर की बहन रजनी ने बताया कि पहले मोहित राजस्थान के जयपुर में तैनात थे। जम्मू-कश्मीर में तैनाती होने के बाद भी उन्होंने परिजनों को इसकी जानकारी नहीं दी। शायद वह परिवार वालों को परेशान नहीं देखना चाहते थे। उन्हें अंदेशा था कि जम्मू कश्मीर में तैनाती की बात सुनकर परिवार वाले परेशान होंगे।मोहित ने कहा था कि वह नवंबर में बहन पूजा का रिश्ता तय करने आएगा। एक फौजी से रिश्ते की बात भी चल ही थी लेकिन अचानक सब कुछ बिखर गया। मोहित राठौर वर्ष 2017 में सेना में भर्ती हुए थे। उनके साथ में चचेरे भाई दीपक सिंह भी भर्ती हुए थे लेकिन उनकी तैनाती अपने बहनोई उपेंद्र सिंह के साथ राजस्थान में थी।
मोहित झुके न पीछे हटे…दिया करारा जवाब:-पाकिस्तानी बार्डर एक्शन टीम (बैट) ने शुक्रवार रात करीब दो बजे अचानक माच्छिल सेक्टर में भारतीय सैन्य चौकी पर हमला किया था। चौकी में मौजूद जवानों ने तत्काल जवाबी कार्रवाई की। एक घुसपैठिए को मार गिराया और घुसपैठ के पाकिस्तानी मंसूबे पर पानी फेर दिया। मोहित के बहनोई उपेंद्र सिंह ने बताया कि सैन्य चौकी के आसपास घुसपैठिए पहले से आकर झाड़ियों में छिप गए थे।
एक घुसपैठिया सैन्य चौकी में घुसने का प्रयास कर रहा था लेकिन कुत्ते के भौंकने पर वह पीछे लौट गया। कुछ देर बाद दूसरे घुसपैठिए ने ग्रेनेड फेंका, जिससे जवान अलर्ट हो गए थे। जवाबी कार्रवाई के दौरान मोहित ने फायरिंग की तो उनको भी गोलियां लगीं। वह जमीन पर गिर गए। सुबह छह बजे तक फायरिंग हुई थी। उनके बहनोई उपेंद्र सिंह ने बताया कि मोहित का निशाना बिल्कुल सटीक था, जिससे उन्हें 57 आरआर यूनिट में शामिल कर लिया गया।समर इंडिया..