थाना कोतवाली की तीसरी आंख के चौकीदार को ग्राम के ही बेखोफ पिता पुत्र हमलावरों ने घातक हथियारों से दौड़ा दौड़ा कर पीटा।

थाना कोतवाली की तीसरी आंख के चौकीदार को ग्राम के ही बेखोफ पिता पुत्र हमलावरों ने घातक हथियारों से दौड़ा दौड़ा कर पीटा।

चौकीदार गंभीर रूप से घायल,थाना पुलिस से न्याय के लिए पत्नी ने लगाई गुहार,पुलिस बनी लाचार

सहसवान।ग्राम पंचायत क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों,असामाजिक तत्वों अपराधियों तथा घटनाक्रम पर तीसरी आंख बनकर पल-पल की खबर अपने अधिकारियों को देने तथा ग्राम की सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात चौकीदार को ही ग्राम की असामाजिक तत्वो द्वारा दिनदहाड़े बेखौफ होकर घातक हथियारों लोहे की राडो से दौड़ा-दौड़ा कर जान लेने के उद्देश्य से की गई।मारपीट घटना के बाद उसी क्षेत्र की थाना कोतवाली पुलिस चौकीदार की मदद करने के स्थान पर अभियुक्तों को खुलेआम संरक्षण देकर मदद करने पर तुली हो और गंभीर रूप से घायल चौकीदार की पत्नी न्याय के लिए दर-दर की ठोकर खा रही हो उसे न्याय न मिले तो आप उसे क्या कहेंगे।

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ऐसा ही एक मामला थाना कोतवाली क्षेत्र सहसवान के ग्राम घूरनपुर पर तैनात चौकीदार का है।जहां ग्राम के ही पिता पुत्रों ने चौकीदार को दिन-दहाड़े घातक हथियारों तथा लोहे की रॉड से सड़क पर डालकर जब तक पीटते रहे जब तक उसकी स्थिति नाजुक नहीं हो गई।मौके पर पहुंची पत्नी ने हमलावरों के पैरों में गिर जब न्याय की गुहार लगाई तब हमलावर शांत हुए ग्रामीण तथा परिजन गंभीर रूप से घायल चौकीदार को न्याय दिलाने के लिए थाना कोतवाली लेकर पहुंचे तो उसकी पत्नी को कोतवाली पुलिस के कर्मचारियों ने धक्के देकर बाहर कर दिया।पीड़ित पत्नी पति को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो चिकित्सकों ने भी बिना मजरूबी चिट्ठी के चिकित्सा करने से इंकार कर दिया।कई घंटे तक चौकीदार की पत्नी उपचार एवं न्याय के लिए थाना कोतवाली तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चक्कर लगाती रही परेशान पत्नी के हाथ पर जोड़ने के उपरांत थाना कोतवाली पुलिस ने जैसे तैसे मजरूबी चिट्ठी दी तो बह चिट्ठी लेकर वह स्वास्थ्य केंद्र पहुंची जहां चिकित्सक ने चौकीदार की गंभीर हालत को देखकर जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया पीड़िता जब अपने पति चौकीदार को उपचार वास्ते जिला चिकित्सालय लेकर पहुंची तो वहां भी न्याय की जगह धक्के खाने को मिले चिकित्सक ने वहां भी अस्पताल में उपचार करने से इनकार कर दिया।

पीड़िता दर्द से तड़पते हुए अपने पति को पुनः वापस घर ले आई 27 मई को महिला अपनी चौकीदार पति को पुनः अस्पताल लेकर पहुंची तो जिला अस्पताल से उसे पुन वापस कर दिया ग्राम की सुरक्षा के वास्ते शासन द्वारा तीसरी आंख के रूप में तैनात किए गए चौकीदार को ग्राम के ही कुछ लोग मारपीट कर मरणासन्न स्थिति में पहुंचा दे और उसे कोतवाली पुलिस न्याय देने की जगह अभियुक्तों को पूरा संरक्षण दे तो ऐसे में थाना कोतवाली पुलिस से न्याय की उम्मीद कर पाना मुश्किल है ऐसे ही कई लोग क्षेत्र में चटकारे लेते घूम घूम रहे हैं और कह रहे हैं कि अगर कोतवाली पुलिस अपने ही सुरक्षा कर्मी को न्याय नहीं दिला सकती तो दूसरे लोगों की क्या बिसात है । पीड़िता ने शासन के टोल फ्री नंबर 181 पर डायल करके न्याय की गुहार की है।

 

शासन के टोल फ्री नंबर 181 पर पीड़ित चौकीदार राकेश वाल्मीकि की पत्नी प्रीति ने बताया कि मेरा पति राकेश वाल्मीकि ग्राम घूरनपुर का थाने द्धारा नियुक्त चौकीदार है तथा शासन की मदद करता रहता है प्रार्थी का पति 25 म्ई को हरि पुत्र चुन्नी की दुकान पर तंबाकू लेने गया था जहां चुनाव से संबंधित चर्चा चल रही थी चर्चा के दौरान मेरे पति से बहस हो गई मेरे पति को हरि पुत्र चुन्नी नन्हे ,पतरा पुत्र हरि ने घातक हथियार तथा लोहे की राड से दौड़ा दौड़ा कर पीटा हमलावर उसे जब तक पीटते रहे जब तक उसकी स्थिति मरने लायक नहीं हो गई मामले की जानकारी जब उसे हुई तो वह दौड़ी हुई परिवार के लोगों के साथ मौके पर पहुंची और हमलावरों के पैर पकड़कर न्याय की गुहार लगाई तब हमलावरों ने मेरे पति को छोड़ा मैं अपने पति को न्याय के लिए थाना कोतवाली लेकर पहुंची तो पुलिस में उसे न्याय देने से इनकार कर दिया बोली इस अस्पताल लेकर जा जब अस्पताल पहुंची तो चिकित्सकों ने भी मजरूबी चिट्ठी लाने को कहा जैसे तैसे करके उसने न्याय की गुहार की तब पुलिस ने उसे मजरूबी चिट्ठी दी तो वह उसे लेकर अस्पताल पहुंची चिकित्सक ने राकेश की हालत नाजुक देखकर जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया हमलावऱो ने राकेश के नाजुक अंग आंख नाक को भी क्षतिग्रस्त कर दिया चिकित्सक ने रेफर स्लिप में उपरोक्त अंगों का जिला चिकित्सालय में एक्स्ट्रा एडवाइस के साथ ही एंटटी सर्जन के संरक्षण में उपचार कराए जाने का मेमो जिला चिकित्सालय भेजा है।

प्रीति ने टोल फ्री नंबर पर बताया कि उपरोक्त हमलावरो पुलिस का पूरा संरक्षण मिला हुआ है पुलिस हमारी मदद नहीं कर रही बल्कि हमें ही थाने से भगा रही है जिससे हमलावरों के हौसले बुलंद हैं।हमलावर गांव में खुलेआम कहते हैं।की देखेंगे कौन राकेश के पक्ष में गवाही देता है।अगर किसी ने भी गवाही देने की कोशिश की तो उसे भी जान से मार देंगे राकेश पुलिस का चौकीदार सहित परंतु हम जो कहेंगे वही होगा हमलावरों के ग्राम में किए जा रहे प्रचार के कारण मैं तथा मेरा परिवार भयभीत हो गया है।अगर हमें तत्काल न्याय नहीं मिला तो हमलावर किसी भी समय हमारे साथ बड़ा हादसा कर सकते हैं प्रीति ने बताया उसके पति की हालत नाजुक है।उसकी आय का कोई साधन नहीं है सिर्फ चौकीदार के मानदेय के पैसे मिलते हैं।उसी से ही वह अपनी गुजरबसर कर रही है।

रिपोर्ट – एस.पी सैनी (समर इंडिया)

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