बदायूँ में हत्या के दोषी को हुई उम्रकैद..दूसरे को सात साल की सजा, जुर्माना

बदायूँ में हत्या के दोषी को हुई उम्रकैद..दूसरे को सात साल की सजा, जुर्माना बदायूं। हत्या और हत्या के प्रयास के क्रॉस केस में अपर सत्र न्यायाधीश सौरभ सक्सेना ने …

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बदायूँ में हत्या के दोषी को हुई उम्रकैद..दूसरे को सात साल की सजा, जुर्माना

बदायूं। हत्या और हत्या के प्रयास के क्रॉस केस में अपर सत्र न्यायाधीश सौरभ सक्सेना ने दोनों पक्षों को सज़ा सुनाई। घटना 13 साल पुरानी है। हत्या के दोषी को आजीवन कारावास के साथ 20 हजार रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है। वहीं दूसरे पक्ष को जानलेवा हमले में दोषी पाते हुए सात साल की कैद के साथ 16 हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई है।

दुग्गरैया निवासी देवेंद्र कुमार शर्मा ने 20 मार्च 2011 को थाना कुंवरगांव में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इसमें कहा गया था कि होली वाले दिन रामसुमिरन घर के बाहर चबूतरे पर बैठे थे। तभी शाम को साढ़े छह बजे के करीब कैलाश, टेकचंद्र, दुर्गपाल उर्फ करुआ अपने-अपने हाथों में तमंचा लेकर आए और राम सुमिरन को गलियां देने लगे। जब राम सुमिरन ने टोका तो तीनों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। राम सुमिरन गंभीर रूप से घायल हुए। अस्पताल में डॉक्टर ने राम सुमिरन को मृत घोषित कर दिया।

वहीं इसी घटनाक्रम पर दूसरी रिपोर्ट उसी दिन राजवती पत्नी टेकचंद्र ने लिखाई थी। पुलिस ने दोनों पक्षों की तरफ से मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना कर सभी साक्ष्यों का संकलन किया। इसके उपरांत कैलाश, टेकचंद्र व दुर्गपाल के विरुद्ध हत्या में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। वही इसी घटना से संबंधित अन्य मामले में पुलिस ने देवेंद्र, अमित सुमित व सत्येंद्र के विरुद्ध हत्या करने की कोशिश की धारा में आरोप पत्र पत्र प्रेषित किया।

न्यायालय ने बुधवार को उपरोक्त पत्रावली पर साक्षयों का अवलोकन किया। एडीजीसी मुनेंद्र प्रताप सिंह, अतुल कुमार सिंह व बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद हत्या के आरोपी कैलाश को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई। इस केस में एक आरोपी टेकचंद्र की विचारण की समय अवधि में मृत्यु हो गई।एक आरोपी किशोर था, उसका मामला किशोर न्याय बोर्ड को संदर्भित किया गया जहां उसने उसने जुर्म स्वीकार किया था। जिस पर किशोर बोर्ड उसे सजा सुना चुका है। इसलिए सिर्फ एक ही आरोपी को सजा दी गई। वहीं क्राॅस केस में हत्या करने की कोशिश में दोषी देवेंद्र को सात वर्ष की सज़ा हुई। इसी केस के दो अन्य आरोपी अमित सुमित को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया। इसमें भी एक आरोपी का मामला किशोर न्याय बोर्ड में चल रहा है।समर इंडिया..

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