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sachin tendulkar:15 साल के सचिन की वो यादगार पारी जो पाकिस्तान में खेली थी

15 साल के sachin tendulkar की नाक से बाउंसर लगने के बाद खून बह रहा था,

sachin tendulkar फिर भी उन्होंने इमरान खान का डटकर सामना किया। भारतीय टीम 1989-90 में पाकिस्तान के दौरे पर गई थी। वहां टीम इंडिया को 4 टेस्ट मैच और 4 वनडे मैच की सीरीज खेलनी थी। इसी दौरे पर सचिन तेंदुलकर ने भारत के लिए डेब्यू किया था। जब भारतीय टीम टेस्ट मैच खेलने सियालकोट पहुंची, तब विकेट पर एक से डेढ़ इंच घास छोड़ी गई थी। पाकिस्तानी कप्तान इमरान खान ने साफ कह दिया था कि अगर पिच की घास कटी तो गर्दन काट दी जाएगी। हमें हिंदुस्तानियों को किसी भी हाल में हराना है। इमरान खान एक अच्छे खिलाड़ी तो जरूर थे, लेकिन बड़बोले भी थे। वह अक्सर भारत के खिलाफ बयानबाजी करते थे।

 

 

sachin tendulkar उस दौर में इमरान खान कहा करते थे कि कश्मीर का फैसला क्रिकेट के मैदान पर हो जाए।

sachin tendulkar
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दरअसल उन्हें पाकिस्तान की तेज गेंदबाजी पर काफी घमंड था। उन्हें लगता था कि किसी भी विकेट पर हम भारतीय बल्लेबाजी को तहस-नहस करने की क्षमता रखते हैं। नवजोत सिंह सिद्धू ने बताया कि सियालकोट टेस्ट से पहले सचिन का बल्ला नहीं चला था। पाकिस्तान में हर तरफ कहा जा रहा था कि भेड़िए के सामने बच्चे को छोड़ दिया गया है। सियालकोट टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 324 रन बनाए थे, जिसके जवाब में पाकिस्तानी टीम 250 रन ही बना सकी थी। सचिन ने भारत के लिए पहली पारी में 35 रन बनाए थे। भारत को पहली पारी के आधार पर 74 रनों की बढ़त मिली थी।

 

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sachin tendulkar सियालकोट टेस्ट के पांचवें दिन भारतीय टीम ने सिर्फ 38 रन पर 4 विकेट खो दिए थे।

sachin tendulkar
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एक छोर पर खड़े नवजोत सिंह सिद्धू को लग रहा था कि हम लोग यह मैच हार चुके हैं। जल्दी ही सचिन भी आउट हो जाएंगे और फिर भारत चौथी पारी में गेंदबाजी के लिए उतरेगा। नवजोत सिंह सिद्धू कहते हैं कि सचिन जब बल्लेबाजी करने आए, तब गेंदबाजी के लिए सामने वकार यूनिस थे। वकार अपने समय के सबसे बेरहम तेज गेंदबाज थे। वकार ने दूसरी ही गेंद पर सचिन को बाउंसर मारी और सचिन ने हुक कर दिया।

 

 

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गेंद इनसाइड एज लेकर सचिन की नाक पर जा लगी। sachin tendulkar

नवजोत सिंह सिद्धू यह देखकर सिहर गए। सचिन की नाक से खून की धार गिरने लगी। डॉक्टर मैदान पर आए, नाक से खून पोछा गया। सचिन को मैदान से बाहर जाने की सलाह दी गई, लेकिन 15 साल के सचिन ने दिलेरी से कहा मैं खेलेगा। नवजोत सिंह सिद्धू कहते हैं कि यह सुनकर मुझे यकीन नहीं हुआ। सचिन के नाक में खून सनी रूई लटक रही थी और वह बल्लेबाजी के लिए तैयार थे। सिद्धू ने कहा, फिर मैंने सोचा जब 15 साल का बच्चा अपने देश के लिए लड़ने का हौसला रखता है तो फिर मैं ऐसा क्यों नहीं कर सकता हूं।

 

 

 

सियालकोट टेस्ट के आखिरी दिन सचिन ने वसीम अकरम, वकार युनिस और इमरान खान का सीना ठोककर सामना किया। सचिन ने टीम इंडिया के लिए दूसरी पारी में 134 गेंद में 57 रनों की बेहतरीन पारी खेली। जब दूसरी पारी में भारत का स्कोर 7 विकेट के नुकसान पर 234 रन था, तब अंपायर ने ड्रॉ के तौर पर मैच खत्म होने की घोषणा की।

सिद्धू ने दूसरी इनिंग में 234 गेंद पर 97 रन बनाए और मैन ऑफ द मैच चुने गए। इस पारी के बाद सचिन तेंदुलकर का नाम पूरे हिंदुस्तान में गर्व से लिया जाने लगा था। नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि समझ आ गया था, यह बच्चा आगे चलकर सबका बाप बनेगा। रिवर्स स्विंग लेती गेंद से टेस्ट के पांचवें दिन की विकेट पर पाकिस्तानी इतिहास के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजी आक्रमण का सामना करने के लिए कलेजा चाहिए था। सचिन ने वह कर दिखाया।

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