दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में ‘विचार संगम’ कार्यक्रम के आयोजन में Ram Niwas Goyal ने भी शिरकत की है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी के बिना विश्व के पटल पर उपलब्ध होना संभव नहीं है मगर हमें अपनी ही भाषा का उपयोग करना चाहिए। हाल ही में न्यूजीलैंड यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग अब भी वहां अपनी प्राचीन भाषा मोरे में ही बात की है। उन्होंने अपनी पुरानी भाषा पर पकड़ बनाए रखी और उसे छोड़ा नहीं। ऐसे ही स्थिति होनी चाहिए।