नायब सिंह सैनी की Haryana सरकार ने अनुसूचित जाति के आरक्षण में कोटे के अंदर कोटा देने का फैसला लागू कर दिया है। कैबिनेट ने शुक्रवार को राज्य अनुसूचित जाति आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों को मंजूरी दे दी।
हरियाणा में सुप्रीम कोर्ट द्वारा “कोटे के अंदर कोटा” की अनुमति मिलने के फैसले पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने तीव्र आपत्ति जताई है।
Haryana मायावती ने इस फैसले को दलितों को बांटने की साजिश बताया है।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के भीतर उप-वर्गीकरण करना न केवल इनके संघर्षों को विभाजित करता है, बल्कि यह आरक्षण के मूल सिद्धांत को कमजोर करने का प्रयास है।
Haryana मायावती का मानना है कि SC-ST समुदायों को एकजुट रखना जरूरी है,
क्योंकि ये समूहों के रूप में एकसमान अत्याचारों का सामना करते आए हैं। वह इस फैसले को आरक्षण प्रणाली को कमजोर कर सामान्य वर्ग के हित में मोड़ने का षड्यंत्र मानती हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के वर्गीकरण से दलितों के बीच फूट डालने की कोशिश हो रही है, जिससे आरक्षण का प्रभाव कम हो सकता है
Haryana सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में राज्य सरकारों को आरक्षण के भीतर कमजोर वर्गों के लिए अलग-अलग कोटा निर्धारित करने का अधिकार दिया है। हालांकि, कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि यह वर्गीकरण उचित आधार पर होना चाहिए और राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित नहीं होना चाहिए, अन्यथा इसे न्यायिक समीक्षा के दायरे में लाया जा सकता
इसके साथ ही सीएम ने ऐलान किया कि किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को राज्य में सभी सरकारी अस्पतालों में निशुल्क ‘डायलिसिस’ की सुविधा मुहैया की जाएगी।
उन्होंने कहा, “(कार्यभार संभालने के बाद) मैंने गुर्दे की बीमारी से पीड़ित मरीजों से संबंधित निर्णय की फाइल पर सबसे पहले हस्ताक्षर किए। हमने चुनाव में भी यह वादा किया था। डायलिसिस पर प्रति माह 20,000 से 25,000 रुपये का खर्च आता है लेकिन अब हरियाणा सरकार इसे वहन करेगी।
वहीं परानी की समस्या पर उन्होंने कहा कि अगर हमारे किसान पराली जलाते हैं तो उन्हें (पर्यावरण पर पड़ने वाला इसका प्रभाव) समझाया जाना चाहिए। अगर किसी उपकरण या यंत्र की जरूरत है
तो हम उस पर सब्सिडी दे रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को पराली जलाने के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। धान की खरीद से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हमारे किसानों का एक-एक दाना एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है।
उधर, अनुसूचित जाति आरक्षण में कोटे के अंदर कोटा बहाल करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को हरियाणा में लागू किए जाने
पर मायावती भड़क उठीं। उन्होंने हरियाणा सरकार के इस फैसले पर का विरोध किया और कहा कि यह दलितों को बांटने का षड्यंत्र किया जा रहा है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,’Haryana की नई भाजपा सरकार द्वारा एससी समाज के आरक्षण में वर्गीकरण को लागू करने अर्थात आरक्षण कोटे के भीतर कोटा की नई व्यवस्था लागू करने का फैसला दलितों को फिर से बांटने व उन्हें आपस में ही लड़ाते रहने का षड़यंत्र। यह दलित विरोधी ही नहीं बल्कि घोर आरक्षण विरोधी निर्णय है।
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