Pushkar Singh Dhami ने कहा कि उत्तराखण्ड के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए जल एक महत्वपूर्ण संसाधन हैं। जल विद्युत परियोजनायें राज्य की सकल घरेलु उत्पाद में वृद्धि का मुख्य कारक हैं।
Pushkar Singh Dhami ने कहा
उत्तराखण्ड की विद्युत ऊर्जा की मांग की पूर्ति के लिए खुले बाजार से प्रतिवर्ष ₹ 1000 करोड़ की ऊर्जा का क्रय किया जाता है। राज्य में उपलब्ध जल स्त्रोतों से लगभग 25 हजार मेगावाट जल विद्युत क्षमता का आंकलन किया गया है, परंतु वर्तमान में केवल 4200 मेगावाट क्षमता का ही दोहन हो पा रहा है।
Pushkar Singh Dhami ने कहा कि प्रमुख सचिव, प्रधानमंत्री कार्यालय की अध्यक्षता में हुई समीक्षा में अलकनंदा एवं भागीरथी नदी घाटी में प्रस्तावित 70 परियोजनाओं में से केवल 7 परियोजनाएं जिनका निर्माण कार्य 50 प्रतिशत से अधिक हो गया है उन्हीं का निर्माण जारी रखने एवं कोई भी नई परियोजना प्रारंभ न किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को अवगत कराया कि उत्तराखण्ड की सीमा में गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के अतिरिक्त अन्य नदी घाटियों पर प्रस्तावित जल विद्युत परियोजनाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
Pushkar Singh Dhami ने यह भी बताया कि केंद्रीय जल आयोग/जल संसाधन मंत्रालय द्वारा राज्य की अन्य नदी घाटियों यथा धौलीगंगा, गौरीगंगा पर पिथौरागढ़ जनपद में प्रस्तावित परियोजनाओं के विकास के लिए भी अनुमोदन प्रदान नहीं किया जा रहा है।
इस संबंध में मुख्यमंत्री ने राज्य की अन्य नदी घाटियों पर स्थित परियोजनाओं के त्वरित विकास एवं निर्माण की अनुमति प्रदान किए जाने का अनुरोध केंद्रीय मंत्री से किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हल्द्वानी में बनने वाली जमरानी बांध बहुउद्देश्यीय परियोजना से हल्द्वानी एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में वर्ष 2051 तक की अनुमानित जनसंख्या के लिए 170 एमएलडी पेयजल उपलब्ध होगा। इसके अतिरिक्त, उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश में लगभग 57,000 हेक्टेयर कृषि भूमि हेतु सिंचाई के लिए जल उपलब्ध होगा।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत इस परियोजना के निर्माण के लिए ₹ 1730.21 करोड़ वित्त पोषण हेतु अक्टूबर 2023 में भारत सरकार से स्वीकृत हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को यह भी अवगत कराया कि वर्ष 2023 के प्राइस लेवल के स्तर पर परियोजना की लागत
₹ 3808.16 करोड़ है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से पुनरीक्षित लागत PMKSY-AIBP के अंतर्गत वित्त पोषण की स्वीकृति का भी अनुरोध किया।
Pushkar Singh Dhami ने केंद्रीय मंत्री से इंटर मिनिस्टीरियल कमेटी की मार्च 2023 में हुई बैठक
राज्य के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ की ₹ 170.57 करोड़ लागत की 15 परियोजनाओं के लिए शत प्रतिशत केंद्रीय वित्त पोषण की संस्तुति पर शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया।
Pushkar Singh Dhamiने कहा कि देहरादून जनपद के सहसपुर विकासखंड में स्वारना नदी पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जलाशय का निर्माण ₹ 203.3 करोड़ की लागत से किया जाना प्रस्तावित है। इस परियोजना के इंटर स्टेट क्लीयरेंस का प्रकरण अपर यमुना बोर्ड में विचाराधीन है। इसके लिए भी मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से अनुमोदन प्रदान करने का अनुरोध किया।
Pushkar Singh Dhami ने केंद्रीय मंत्री से उत्तराखण्ड की लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना के कार्यान्वयन में हो रहे विलम्ब की जानकारी देते हुए अवगत कराया कि लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना देहरादून जिले में यमुना नदी पर 204 मीटर ऊंचा बाँध बनाया जाना है।
इसका निर्माण राज्य की जल विद्युत उत्पादन कम्पनी यूजेवीएन लि0 द्वारा किया जा रहा है। परियोजना के जनपदीय एवं हाइड्रो मैकेनिकल कार्यों की डिजाइन एंव इंजीनियरिंग के लिए केन्द्रीय जल आयोग भारत सरकार के साथ एक अनुबंध पत्र काफी पहले सितंबर, 2013 में हस्ताक्षरित किया गया था।
जनपदीय कार्या की टेंडर ड्राइंग्स दिसम्बर, 2021 में केन्द्रीय जल आयोग द्वारा निर्गत की गयी है।
Pushkar Singh Dhami ने केन्द्रीय मंत्री को यह भी अवगत कराया कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना को शीघ्र पूर्ण करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठन की गई है। जो इसकी नियमित समीक्षा कर रही है। जल संसाधन, नदी विकास एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा हाल ही में 11-12 जुलाई को परियोजना स्थल के भ्रमण के उपरान्त समीक्षा बैठक की गयी थी।
जिसमें केन्द्रीय जल आयोग से लगभग दस वर्ष पूर्व से किए गए अनुबंध के सापेक्ष अभी तक अपेक्षित ड्राइंग प्राप्त न होने के कारण कार्य प्रभावित होने का प्रकरण संज्ञान में लाया गया था।
इस प्रकरण में तत्समय परियोजना के निर्माण हेतु छः माह में प्राथमिकता के आधार पर ड्राइंग निर्गत करने हेतु केन्द्रीय जल आयोग में एक अलग सेल गठित किए जाने पर सहमति व्यक्त की गई है।
मुख्यमंत्री ने परियोजना को शीघ्र पूर्ण करने हेतु जल शक्ति मंत्रालय के अधीन केन्द्रीय जल आयोग से प्राथमिकता पर ड्राइंग निर्गत करने के संबंध में शीघ्र कार्रवाई के निर्देश हेतु भी केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया।
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