केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. Nadda ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा दिल्ली में पांच स्थानों पर किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि नाइट्रोजन डाईऑक्साइड (एनओ2) जैसे यौगिकों के स्तर में वृद्धि के साथ लोगों को सांस लेने में घरघराहट पैदा होने तथा आपात स्थिति में अस्पताल जाने के मामलों में वृद्धि देखी गई है।
उन्होंने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। मंत्री पे कहा कि सरकार ने वायु प्रदूषण पर एक स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है और वायु प्रदूषण के मुद्दों के समाधान के लिए कई कदम भी उठाए हैं।Nadda ने कहा कि भारत सरकार ने 1,561 ‘प्रेशर स्विंग एड्शॉर्पशन’ (पीएसए) ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि देश में पीएम केयर्स फंड के तहत 1,225 पीएसए संयंत्रलगाए गए हैं।उनका कहना था कि इसके अतिरिक्त, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, बिजली, कोयला, रेल मंत्रालयों के तहत आने वाले सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा अब तक 336 पीएसए संयंत्र स्थापित किए गए हैं।