Muslim तुष्टीकरण: सुप्रीम कोर्ट में टकराव की तैयारी!

इंडिया गठबंधन में संख्या के हिसाब से वैसे तो 28 पार्टियां हैं। लेकिन इन 28 पार्टियों में कुछ पार्टियां ऐसी हैं जो कांग्रेस की दिखाई…

इंडिया गठबंधन में संख्या के हिसाब से वैसे तो 28 पार्टियां हैं। लेकिन इन 28 पार्टियों में कुछ पार्टियां ऐसी हैं जो कांग्रेस की दिखाई राह पर कदमताल करते हुए साथ नहीं चलती है। भले ही संख्याबल दिखाने के लिए कांग्रेस की तरफ से बार बार कहा जाता हो कि 28 पार्टियां हमारे साथ है। लेकिन इन सभी पार्टियों के बीच आपस में ही Muslim तुष्टीकरण या फिर स्पष्ट शब्दों में कहें तो मुस्लिम परस्त राजनीति के लिए एक अलग ही किस्म की प्रतिस्पर्धा छिड़ी रहती है। इस तुष्टीकरण वाली राजनीति के कंपटीशन में अब दो पार्टियां सबसे एक्टिव मोड में नजर आ रही है। 99 सांसदों वाली कांग्रेस और 37 संसद सदस्यों वाली समाजवादी पार्टी अब सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी में हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस और सपा प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट यानी पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 के प्रभावी कार्यान्वयन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अलग अलग याचिकाएं दायर करने की तैयारी कर ली है।

 

 

 

 

 

 

 

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कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पार्टी की याचिका तैयार है और यह महाभियोग आवेदन के रूप में या चल रही कानूनी कार्यवाही में एक पार्टी को जोड़ने के अनुरोध के रूप में होगी। दोनों याचिकाओं को शीर्ष अदालत के समक्ष चल रही याचिकाओं की श्रृंखला के साथ टैग किए जाने की संभावना है। अदालत के समक्ष पहले से ही दायर कुछ याचिकाओं में अधिनियम की वैधता को चुनौती दी गई है, जबकि बाकी इसे सख्ती से लागू करने की वकालत करती हैं। सूत्रों ने कहा कि इंडिया ब्लॉक नेतृत्व के बीच सुप्रीम कोर्ट में एक संयुक्त याचिका दायर करने पर चर्चा हुई, लेकिन बात नहीं बनी। सपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टियों ने इसे अपने दम पर करना शुरू कर दिया है, और इसलिए, पार्टियां अपने दम पर याचिकाएं दायर कर रही हैं।

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