चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के बीच वार्ता , MSP गारंटी पर फिर होगी चर्चा

चंडीगढ़: चंडीगढ़ में किसानों और एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के बीच वार्ता का नया दौर जारी है, जिसमें किसानों की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों पर चर्चा की जाएगी। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल बुधवार पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर बैठक के लिए सेक्टर-26 स्थित महात्मा गांधी लोक प्रशासन संस्थान पहुंचे।

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पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्यिां भी बैठक का हिस्सा हैं। बातचीत से पहले किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा का 28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बैठक में हिस्सा लेगा।

MSP संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा किसानों के आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं। पंधेर ने कहा कि किसानों को उम्मीद है कि सरकार उनके मुद्दों का समाधान करेगी।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम सकारात्मक सोच के साथ बैठक के लिए यहां आए हैं। बैठक में कुछ निर्णय होना चाहिए। हमें उम्मीद है कि एमएसपी गारंटी कानून पर गतिरोध समाप्त होगा और बातचीत आगे बढ़ेगी।” जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर सहित किसानों का प्रतिनिधिमंडल पहले ही बैठक स्थल पर पहुंच गया था।

अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे डल्लेवाल एंबुलेंस से पहुंचे। उन्होंने कहा कि वे किसानों द्वारा उनके दावों के समर्थन में प्रस्तुत आंकड़ों पर केंद्र की प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं। किसानों और केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के बीच पिछली बैठक 22 फरवरी को यहां हुई थी।

MSP के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, कर्ज माफी, किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन…

MSP बैठक में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल शामिल हुए थे। पिछली बैठक में केंद्रीय टीम ने विशेषज्ञों के साथ चर्चा के लिए फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी को लेकर किसानों से उनके दावों के समर्थन में डेटा मांगा था। किसानों ने कहा कि एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी 25,000-30,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के अनुमानित परिव्यय के साथ दी जा सकती है।

केंद्रीय मंत्री जोशी के नेतृत्व में 14 फरवरी को एक केंद्रीय टीम और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच यहां बैठक हुई। इस बैठक से पहले, फरवरी 2024 में केंद्रीय मंत्रियों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच चार दौर की बैठकें हुईं, लेकिन बातचीत बेनतीजा रही। प्रदर्शनकारी किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।

किसान MSP के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, कर्ज माफी, किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं, किसानों के खिलाफ पुलिस मामलों को वापस लेने, उत्तर प्रदेश में 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।

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