अम्बाला। हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम Minister Anil Vij ने कहा कि अंबाला छावनी में आजादी की पहली लड़ाई के शहीद स्मारक का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करवाया जाएगा। 10 मई 1857 को यह क्रांति आरंभ हुई थी इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं कि 10 मई तक इस शहीद स्मारक का काम दिन-रात लगाकर पूरा कर लिया जाए।
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Minister Anil Vij आज शाम अंबाला छावनी में आजादी की पहली लड़ाई को समर्पित शहीद स्मारक के निरीक्षण के उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए। इस अवसर पर विभागीय अधिकारियों के अलावा भाजपा कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।
जहां-जहां पर 1857 का यह संघर्ष हुआ था, उस सबके इस म्यूजियम में हमने सारे सीन क्रिएट किए – Minister Anil Vij
कैबिनेट Minister Anil Vij ने कहा कि जहां-जहां पर 1857 का यह संघर्ष हुआ था, उस सबके इस म्यूजियम में हमने सारे सीन क्रिएट किए हैं। इसमें हम अंबाला का दिखा रहे हैं, मेरठ का दिखा रहे हैं, दिल्ली के कश्मीरी गेट का दिखा रहे हैं, झांसी की रानी का दिखा रहे हैं,
तात्या टोपे का दिखा रहे हैं, गुजरात का दिखा रहे हैं और हैदराबाद का भी सीन क्रिएट करके दिख रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमारे इतिहासकारों ने खोज खोज कर यह निकाला है कि 1857 की क्रांति कहां-कहां पर हुई थी।
जब आगंतुक म्यूजियम के अंदर प्रवेश करेगा, तो वह 1857 के समय काल में चला जाएगा – विज
कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने बताया कि इस म्यूजियम में कई गैलरिया बनाई गई है जिसमें उस समय के सीन क्रिएट किया जा रहे हैं ताकि जब आगंतुक इस म्यूजियम के अंदर प्रवेश करें तो वह 1857 के समयकाल में चला जाए। उन्होंने बताया कि उस समय की सामाजिक आर्थिक स्थिति क्या थी और क्या-क्या यह कारण थे जिसके कारण यह क्रांति हुई, को दिखाया जा रहा है।
इस म्यूजियम में उस समय के अंग्रेज अफसर की कोठियां को भी दिखाया जा रहा है क्योंकि क्रांतिकारियों ने 1857 में मार्च के महीने में ही अंग्रेज अफसर की कोठियां में आग लगाना आरंभ कर दिया था जबकि क्रांति मेयर महीने में हुई थी।
चर्बी वाले कारतूस के डिपो भी बनाएं जा रहे हैं – विज
Minister Anil Vij ने बताया कि इसके अलावा, हम कारतूस का वह डिपो भी दिखा रहे हैं जहां पर चर्बी वाला कारतूस मिला करता था जोकि उस लड़ाई का बहुत बड़ा कारण भी बना। उस समय चर्बी वाले कारतूस हिंदुस्तान में तीन जगह पर बनते थे जिनमें एक दमदम में था, एक सियालकोट में था और तीसरा अंबाला छावनी में था।
इसलिए उस समय आसपास की छावनियों के लोग भी यहीं पर कारतूस लेने आते थे और यहीं पर उनकी बातचीत हुआ करती थी।
शहीद स्मारक में 63 मीटर ऊंचा कमल का फूल बनाया गया है, कमल का फूल और रोटी का संदेश के रूप में होता था इस्तेमाल – Minister Anil Vij
कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने बताया बताया इस शहीद स्मारक पर हमने 63 मीटर ऊंचा कमल का फूल भी बनाया है जिसमें लिफ्ट भी लगाई है और लोगों को ऊपर आकर सारे शहर का नजारा भी दिखाई देगा। उन्होंने बताया कि 1857 की क्रांति में कमल के फूल और रोटी ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।
उस समय एक यूनिट दूसरी यूनिट को कमल का फूल और रोटी भेजा करते थे इसलिए हमने यहां पर कमल का फूल और रोटी को बनाया है। यह शहीद स्मारक के परिसर में 2000 लोगों के बैठने की व्यवस्था के साथ एक ओपन एयर थिएटर भी बनाया गया है और यहां पर एक वाटर बॉडी भी बनाई गई है जहां पर लोग शाम को नौका विहार कर सकेंगे।
रोजाना आयोजित होगा लाइट, साउंड और लेजर का शो – Minister Anil Vij
विज बताया कि रोजाना यहां पर लाइट, साउंड और लेजर का शो भी आयोजित किया जाएगा और रोजाना यहां शो दिखाने के लिए हमने मुंबई के बहुत बड़े डायरेक्टर को कार्य सौंपा है। उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास है कि हम 10 मई को इसका उद्घाटन करवा दें और हमारी कोशिश रहेगी कि हम इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से करवाएं, इसलिए हम इसकी पूरी तैयारी कर रहे हैं और पूरे स्टाफ को लगा दिया गया है।