भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने दो Space यान सफलतापूर्वक लॉन्च किए हैं जो भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए डॉकिंग नामक एक महत्वपूर्ण तकनीक का प्रदर्शन करने में मदद करेंगे। इसरो के दो अंतरिक्ष यान सोमवार की देर रात सफलतापूर्वक एक दूसरे से अलग हो गए और उन्हें वांछित कक्षा में स्थापित कर दिया गया। अंतरिक्ष एजेंसी ने इसकी जानकारी दी। स्पैडेक्स मिशन के सफल प्रक्षेपण पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने खुशी जताई। उन्होंने कहा कि भारत स्वदेशी रूप से विकसित भारतीय डॉकिंग सिस्टम के माध्यम से अंतरिक्ष डॉकिंग हासिल करने वाले चुनिंदा देशों की सूची में शामिल होने वाला चौथा देश बन गया है।
इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि रॉकेट ने 15 मिनट की उड़ान के बाद उपग्रहों को 475 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा में स्थापित कर दिया है। उन्होंने मिशन नियंत्रण केंद्र से अपने संबोधन में कहा कि रॉकेट ने दोनों Space यान को सही कक्ष में स्थापित कर दिया है तथा स्पैडेक्स उपग्रह एक के पीछे एक चले गए हैं तथा समय के साथ यह और अधिक दूरी तय करेगा। यह लगभग 20 किमी दूर तक जाएगा जिसके बाद इन्हें मिलाने और डॉकिंग प्रक्रिया शुरू होगी। हम आशा करते हैं कि डॉकिंग प्रक्रिया अगले एक सप्ताह में पूरी हो जाएगी। उम्मीद है कि सात जनवरी तक प्रक्रिया पूरी हो सकती है।