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बिसौली में जच्चा-बच्चा की हुई मौंत के मामले में चार दिन बाद भी नही दर्ज हो सका मुकदमा..स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में

बिसौली में जच्चा-बच्चा की हुई मौंत के मामले में चार दिन बाद भी नही दर्ज हो सका मुकदमा..स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में

बिसौली।निजी अस्पताल में जच्चा बच्चा की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है। चार दिन बीत जाने के बाद भी विभाग की संशोधित तहरीर थाने तक नहीं पहुंची। जिससे स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई सवालों के घेरे में आने लगी है। वही निजी अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई के मामले में पीड़ित परिवार भी कतराने लगा है। जिससे निजी अस्पताल संचालकों के हौंसले बुलंद है और वह धड़ल्ले से अपने अस्पताल खोलने लगे हैं।
मंगलवार की रात को गांव शेखूपुरा निवासी अनुज की पत्नी मनीशा की जीवन ज्योति अस्पताल में मौत हो गई। थोड़ी देर बाद ही बच्चे ने भी दूसरे अस्पताल में दम तोड़ दिया। तहसीलदार विजय शुक्ला ने अस्पताल तो सील कर दिया। बदायूं से स्वास्थ्य विभाग की टीम भी आई।

टीम ने कागज़ी कार्यवाही कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली। चार दिन बीत जाने के बाद भी आज तक मृतका के पति की थाने में तहरीर नहीं आई है।सूत्र बताते हैं कि अस्पताल प्रबंधन और पीड़िता के पति के बीच समझौता वार्ता चल रही है।इधर सरकारी अस्पताल के चिकित्साधीक्षक निधीश कुमार अभी तक संशोधित तहरीर लेकर थाने नहीं पहुंचे हैं।ऐसे हालातों में आरोपी हॉस्पिटल के खिलाफ कार्यवाही कैसे हो। पिछले दिनों भी नगर के झोलाछापों के यहां कई मौतें हो चुकी है। कोई कार्यवाही न होने के कारण नगर में गैर पंजीकृत अस्पताल बेखौफ़ तरीके से संचालित हो रहे हैं। इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक बृजेश सिंह ने बताया कि घटना को लेकर कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।समर इंडिया..

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