Haryana Weather : आपको बताते चले कि हरियाणा में सोमवार को भी कुछ जिलों में बारिश की भी संभावना है। कल से मौसम साफ होने की संभावना है। रविवार रात को कुरुक्षेत्र के पिहोवा और पंचकूला में तेज बारिश हुई व करनाल में बूंदाबांदी हुई है।
Haryana Weather हालाँकि पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम के बदले मिजाज का असर रविवार को हरियाणा में फिर दिखा। शनिवार देर रात से शुरू हुई बूंदाबांदी के कारण प्रदेश के सभी जिले भीगे। सबसे अधिक बारिश महेंद्रगढ़, करनाल, सिरसा व पंचकूला में हुई। इससे दिन में ठंडी हवाएं चलती रहीं और बादल छाए रहे।
Haryana Weather अधिकतम तापमान में शनिवार के मुकाबले 1.9 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। रविवार को प्रदेश का औसत तापमान सामान्य से 3.2 डिग्री नीचे रहा। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को भी बारिश की संभावना बनी रहेगी। हालांकि उत्तरी व पूर्वी जिलाें में इसका ज्यादा असर देखने को मिलेगा।
वहीं, बारिश के कारण वातावरण में नमी बढ़ने से सुबह के समय कोहरा भी छाएगा। कोहरे को लेकर यलो अलर्ट भी जारी किया गया है। इसी बीच सरकार ने खराब हुई फसलों के मुआवजे के लिए क्षतिपूर्ति-पोर्टल खोल दिया है। किसान इस पर विवरण अपलोड कर सकते हैं। जिला प्रशासन को भी गिरदावरी करवा रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है।
मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि 6 फरवरी को यह विक्षोभ आगे गुजर जाएगा। इसके बाद 3-4 दिन तक सुबह के समय घना कोहरा छाएगा। हवाओं की दिशा बदलकर उत्तरी होने से रात के तापमान में गिरावट आएगी। 11 फरवरी तक मौसम शुष्क रहेगा।
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि एक फरवरी से फसलों की सामान्य गिरदावरी शुरू हो गई है, जो एक मार्च 2024 तक प्रदेश भर में चलेगी। इस दौरान राज्य में ओले गिरने और बारिश से फसलों को जो नुकसान हुआ है, उसकी जिला प्रशासन को रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। किसान खुद भी राजस्व विभाग के क्षतिपूर्ति-पोर्टल पर नुकसान की रिपोर्ट अपलोड कर सकते हैं। सभी रिपोर्ट मिलने पर किसानों को उनकी क्षति की पूर्ति के लिए मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब-जब किसानों की फसल को प्राकृतिक आपदा की मार पड़ी है, प्रदेश सरकार ने प्रभावित किसानों की हरसंभव मदद की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 से लेकर वर्ष 2024 में अभी तक किसानों को करीब 1600 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि किसानों के बैंक खाते में भेजी है।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. रमेश कुमार ने बताया कि बारिश गेहूं, सरसों व चने की फसल के लिए लाभदायक है। इससे फसलों की गुणवत्ता में सुधार आएगा। भारी ठंड से फसलों को जो थोड़ा नुकसान हुआ है, बारिश उसकी पूर्ति करेगी।