Haryana के पानीपत की हिमांशी चौहान एक प्रतिभाशाली कलाकार हैं जिन्होंने दो साल की उम्र में पेंटिंग शुरू कर दी थी और अब गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड और लंदन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह बना चुकी हैं। उनकी कला ने उन्हें देश और विदेश में ख्याति दिलाई है और वे अपनी कला के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने का सपना देखती हैं।
Haryana हिमांशी चौहान का सपना अपनी कला के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाना था.
उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड और लंदन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज करने का अवसर दिया. यह उपलब्धि उनके अथक प्रयासों और रचनात्मकता का परिणाम है.
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Local 18 से बातचीत में हिमांशी ने बताया कि उनकी ग्लेस्टिक स्केचिंग बिल्कुल वास्तविक है. इस पर उन्होंने एक महीने तक मेहनत की. इस स्केचिंग को बनाने के लिए इलेक्ट्रिक रेजर का इस्तेमाल किया गया. यह उनकी पहली वास्तविक स्केचिंग थी, जिसे वे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से बेचती हैं. इसके अलावा वह बच्चों को कला सिखाती भी हैं.

Haryana हिमांशी की चाची सरिता चौहान ने बताया कि उन्हें अपनी भतीजी पर बहुत गर्व है.
सरिता चौहान ने कहा कि हिमांशी ने देश- विदेश में नाम रोशन किया है. हिमांशी के बारे में बताते हुए सरिता ने कहा कि वह पढ़ाई में भी बहुत अच्छी हैं. घर के कामों में निपुण हैं और संस्कारों में समृद्ध हैं. हिमांशी का व्यक्तित्व न केवल कला में बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में प्रेरणादायक है.

