चंडीगढ़- Haryana सरकार ने प्रदेश को हरियाली एवं स्वच्छ वायु वाला राज्य बनाने का संकल्प लिया है और इस दिशा में राज्य सरकार ने आगामी वर्षों के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण तैयार किया है, जिसके अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण को समाज के हर वर्ग का जन-आंदोलन बनाया जाएगा।
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Haryana सरकार का मानना है कि स्वस्थ वातावरण ही आने वाली पीढ़ियों के लिए सबसे बड़ी पूंजी है और इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश स्तर पर कई अभियानों की शुरुआत की जा चुकी है। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार सरकार द्वारा शुरू किया गया ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान इस विजन की केंद्रीय कड़ी है।
इस योजना का उद्देश्य केवल पौधारोपण करना ही नहीं, बल्कि इसे व्यक्तिगत भावनाओं और पारिवारिक मूल्यों से जोड़ना भी है। हर नागरिक को अपनी मां के नाम पर एक पौधा लगाने और उसकी देखभाल करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस पहल से न केवल हरियाली बढ़ेगी, बल्कि पौधों से भावनात्मक जुड़ाव भी पैदा होगा, जिससे लोग लंबे समय तक उनकी सुरक्षा और देखभाल करेंगे।
Haryana सरकार ने स्पष्ट किया है कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें समाज के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी जरूरी है। युवाओं, महिलाओं, सामाजिक संगठनों और पंचायतों को इस अभियान से जोड़ा जा रहा है, ताकि यह आंदोलन गांव-गांव और शहर-शहर तक पहुंचे। स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित कर विद्यार्थियों को भी प्रकृति के महत्व और पेड़-पौधों की जरूरत से जोड़ा जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार बढ़ते प्रदूषण और बदलते मौसम के चलते प्रदेश में हरियाली को बढ़ाना समय की मांग है। Haryana की औद्योगिक प्रगति और शहरीकरण ने जहां विकास की रफ्तार बढ़ाई है, वहीं प्रदूषण की समस्या भी खड़ी की है। ऐसे में ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसी पहलें प्रदेश के पर्यावरणीय संतुलन को बनाये रखने में मील का पत्थर साबित हो सकती हैं।
Haryana सरकार का यह भी मानना है कि हरियाली केवल वायु को शुद्ध करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने, जल संरक्षण बढ़ाने और जैव विविधता को सुरक्षित रखने में भी अहम भूमिका निभाती है। आने वाले समय में सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर पौधारोपण कर वनों का क्षेत्रफल बढ़ाया जाये और शहरों को ‘ग्रीन अर्बन मॉडल’ के रूप में विकसित किया जाये।
Haryana की औद्योगिक प्रगति और शहरीकरण ने जहां विकास की रफ्तार बढ़ाई है, वहीं प्रदूषण की समस्या भी खड़ी की है
सरकारी प्रवक्ताओं के अनुसार, यह अभियान केवल एक पर्यावरणीय कार्यक्रम नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का प्रयास है। यदि समाज के हर वर्ग का सहयोग मिला, तो आने वाले कुछ वर्षों में हरियाणा को वास्तव में हरा-भरा और स्वच्छ वायु वाला प्रदेश बनाने का सपना साकार हो सकता है।

