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Haryana के 188 गांवों में फसलें डूबीं, किसानों के लिए इस दिन तक खुला रहेगा ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल

On: August 21, 2025 2:27 PM
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Haryana
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Haryana पानीपत। पहाड़ों पर वर्षा से बुधवार को यमुना के बहाव में मामूली वृद्धि हुई। सुबह 10 बजे 45352 क्यूसेक था।

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शाम को पांच बजे बढ़कर 54102 क्यूसेक पर पहुंच गया। इस दौरान यमुना नदी में 39582 क्यूसेक, पश्चिमी यमुना नहर में 13010 व पूर्वी यमुना नहर में 1510 क्यूसेक रहा है। उधर, कुरुक्षेत्र के इस्माईलाबाद के नैसी गांव के निकट बुधवार की सुबह चार बजे मारकंडा नदी का तटबंध दूसरी बार टूट गया। एक महीने पहले भी तटबंध टूट गया था।

दो दिनों से नदी में 27 हजार क्यूसेक पानी बह रहा था। ठसका मीरां जी गांव के पास लगभग 700 एकड़ फसल डूब गई। किसानों ने आठ घंटे के बाद तटबंध को पाट दिया। तटबंध का लगभग 30 फीट का हिस्सा बह गया। अंबाला के मुलाना में मंगलवार की देर रात करीब 11 बजे मारकंडा का जलस्तर बढ़कर 8.8 फीट करीब 41 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया।

Haryana किसानों ने खाली कट्टों को मिट्टी से भरा और उन कट्टों से टूटे हिस्से में दीवार खड़ी की

कुरुक्षेत्र के गांव टबरा, मडाडों, शेरगढ़, जलबेहड़ा, जखवाला, जैतपुरा और जंधेड़ी तक तटबंध टूटने की सूचना पहुंचाई। पिहोवा गुरुद्वारा साहिब ने मशीन भेजी। किसानों ने ट्रैक्टरों और जेसीबी के माध्यम से टूटे हुए हिस्से तक मिट्टी पहुंचाई। किसानों ने खाली कट्टों को मिट्टी से भरा और उन कट्टों से टूटे हिस्से में दीवार खड़ी की। इस कार्य में जनसामान्य की भागीदारी देखी गई। सिंचाई विभाग की टीम कई घंटों तक मौके पर नहीं पहुंचा, लेकिन किसानों ने हिम्मत नहीं हारी।

 

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