जोधपुर। राजस्थान में Gehlot government में बनाए गए नौ जिलों और तीन संभागों को भाजपा सरकार ने निरस्त कर दिया है। इसके विरोध में कई जगह प्रदर्शनों का दौर जारी है। सरकार को आशंका है कि फैसले के खिलाफ लोग हाइकोर्ट का रुख कर सकते हैं। यही वजह है कि सरकार ने राजस्थान हाई कोर्ट की मुख्य पीठ जोधपुर और जयपुर पीठ में कैविएट दायर कर दी है। उधर, प्रदेश के कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने नए जिलों के गठन के लिए मानदंड देखने की बात कही है।
कांग्रेस ने बिना सोचे समझे बनाए जिले
कानून मंत्री का कहना है कि कांग्रेस ने बिना किसी सोच विचार के जिलों का गठन किया था। जो जिले बनने लायक नहीं थे, उनका पुनर्गठन किया गया है। वहीं उचित जिलों को बरकरार रखा गया है।
सरकार का पक्ष सुनने की अपील
Gehlot government की ओर से जोधपुर मुख्य पीठ में अतिरिक्त महाधिवक्ता श्याम सुंदर लदरेचा ने कैविएट दाखिल की। इसमें कहा गया कि सरकार ने जिलों को समाप्त कर पुरानी यथावत स्थिति करने का निर्णय भू राजस्व अधिनियम 1956 के तहत लिया है। इसमें सरकार को नए जिले बनाने और बदलने का अधिकार है।