Excellencies,G7 शिखर सम्मेलन
G7 शिखर सम्मेलन आज हमने राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को सुना। कल मेरी उनसे मुलाकात भी हुई थी।मैं वर्तमान परिस्थिति को राजनीति या अर्थव्यवस्था का मुद्दा नहीं मानता।मेरा मानना है कि यह मानवता का मुद्दा है, मानवीय मूल्यों का मुद्दा है।हमने शुरू से कहा है, कि डायलॉग और डिप्लोमेसी ही एकमात्र रास्ता है।और इस परिस्थिति के समाधान के लिए, भारत से जो कुछ भी बन पड़ेगा, हम यथासंभव प्रयास करेंगे।
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Excellencies,
वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि हम सब का साझा उद्देश्य है।आज के inter-connected world में, किसी भी एक क्षेत्र में तनाव सभी देशों को प्रभावित करता है।और, विकासशील देश, जिनके पास limited resources हैं, सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।वर्तमान वैश्विक स्थिति के चलते, food, fuel और fertiliser crisis का अधिकतम और सबसे गहरा प्रभाव इन्हीं देशों को भुगतना पड़ रहा है।
Excellencies,
यह सोचने की बात है, कि भला हमें शांति और स्थिरता की बातें अलग-अलग फोरम में क्यों करनी पड़ रही हैं?UN जिसकी शुरुआत ही शांति स्थापित करने की कल्पना से की गयी थी, भला आज conflicts को रोकने में सफल क्यों नहीं होता?आखिर क्यों, UN में आतंकवाद की परिभाषा तक मान्य नहीं हो पाई है?अगर आत्मचिंतन किया जाये, तो एक बात साफ़ है।पिछली सदी में बनाये गए institutions, इक्कीसवीं सदी की व्यवस्था के अनुरूप नहीं हैं।G7 शिखर सम्मेलन
वर्तमान की realities को रिफ्लेक्ट नहीं करते।इसलिए जरूरी है, कि UN जैसे बड़े institutions में रिफॉर्म्स को मूर्त रूप दिया जाये।इनको ग्लोबल साउथ की आवाज भी बनना होगा। वरना हम संघर्षो को ख़त्म करने पर सिर्फ चर्चा ही करते रह जाएंगे।UN और Security Council मात्र एक टॉक शॉप बन कर रह जायेंगे।
Excellencies,
यह जरूरी है, कि सभी देश UN Charter, अंतर्राष्ट्रीय कानून और सभी देशों की सोवरनटी और टेरीटोरियल इंटेग्रिटी का सम्मान करें।यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिशों के खिलाफ मिलकर आवाज उठायें।भारत का हमेशा यह मत रहा है कि किसी भी तनाव, किसी भी विवाद का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से, बातचीत के ज़रिये, किया जाना चाहिए।G7 शिखर सम्मेलन
और अगर कानून से कोई हल निकलता है, तो उसको मानना चाहिए।और इसी भावना से भारत ने बांग्लादेश के साथ अपने लैंड और मेरीटाइम बाउंड्री विवाद का हल किया था।G7 शिखर सम्मेलन
Excellencies,
भारत में, और यहाँ जापान में भी, हजारों वर्षों से भगवान बुद्ध को follow किया जाता है।आधुनिक युग में ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिसका समाधान हम बुद्ध की शिक्षाओं में न खोज पाएं। दुनिया आज जिस युद्ध, अशांति और अस्थिरता को झेल रही है, उसका समाधान बुद्ध ने सदियों पहले ही दे दिया था। G7 शिखर सम्मेलन
भगवान बुद्ध ने कहा है:
नहि वेरेन् वेरानी,
सम्मन तीध उदासन्,
अवेरेन च सम्मन्ति,
एस धम्मो सन्नतन।
यानी, शत्रुता से शत्रुता शांत नहीं होती। अपनत्व से शत्रुता शांत होती है।
इसी भाव से हमें सबके साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहिए।
धन्यवाद।
He has 18 years of experience in journalism. Currently he is the Editor in Chief of Samar India Media Group. He lives in Amroha, Uttar Pradesh. For contact samarindia22@gmail.com