राज्य सरकारें विभिन्न क्षेत्रों में सब्सिडी देती हैं, जिसमें बिजली सब्सिडी सबसे बड़ी है। राजस्थान में 95% सब्सिडी बिजली पर खर्च होती है,Punjabमें कुल राजस्व आय का 24% सब्सिडी पर खर्च होता है।
पंजाब में घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट प्रति महीना बिजली मुफ्त मिलती है, जिसके लिए राज्य सरकार 8785 करोड़ रुपये खर्च करती है। किसानों को मुफ्त बिजली देने पर 10,000 करोड़ रुपये खर्च होते हैं।
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संस्था ने अलग अलग राज्यों के बजटों का आकलन किया है, जिसे “State of State Finances” पेपर में बताया गया है कि किस राज्य में कितना सब्सिडी का पैसा बिजली की सब्सिडी पर खर्च होता है.
राजस्थान में भी सब्सिडी का 95 प्रतिशत बिजली की सब्सिडी पर खर्च हो रहा है. राज्यों को होने वाली रेवेन्यू इनकम का कितना हिस्सा सब्सिडी में खर्च होता है इसमें भी पंजाब सारे राज्यों में आगे हैं
Punjab में कुल रेवेन्यू आमदन का 24 प्रतिशत सब्सिडी पर खर्च हो रहा है.
यही खर्च आंध्र प्रदेश में 15 प्रतिशत और राजस्थान में 13 प्रतिशत है Punjab में घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट प्रति महीना बिजली मुफ्त मिलती है.
मार्च 2022 में सरकार बनाने के बाद 1 जुलाई 2022 से ये योजना शुरू की गई थी. इसके तहत राज्य सरकार Punjab State Power Corporation को उपभोक्ताओं को दी जाने वाली मुफ्त बिजली के बिल का पैसा देती है.
लगभग 80 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट प्रति महीना मुफ्त बिजली सरकार द्वारा दी जा रही है.
Punjabराज्य में इस योजना पर इस साल लगभग 8785 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
इसके साथ ही पुंज में खेती सेक्टर के लिए भी मुफ्त बिजली दी जाती है जिस पर हर साल 10 हजार करोड़ रुपए खर्च आता है. अलग अलग क्षेत्रों को दी जाने वाली बिजली सब्सिडी का कुल बिल इस साल लगभग 21909 करोड़ रुपये होगा.
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