बदायूँ में मेडिकल स्टोर की आड़ में लंबे समय से चल रहा था नशे का धंधा..अब ऐसे हुआ पर्दाफाश

बदायूँ में मेडिकल स्टोर की आड़ में लंबे समय से चल रहा था नशे का धंधा..अब ऐसे हुआ पर्दाफाश मेडिकल संचालक एक नाबालिग को नशे…

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बदायूँ में मेडिकल स्टोर की आड़ में लंबे समय से चल रहा था नशे का धंधा..अब ऐसे हुआ पर्दाफाश

मेडिकल संचालक एक नाबालिग को नशे का इंजेक्शन लगाते हुए रंगेहाथ भी पकड़ा गया

पुष्टि होने के बाद शनिवार रात को सिटी मजिस्ट्रेट व सीओ सिटी ने मेडिकल स्टोर पर मारा था छापा

बदायूं।जिले में बेधड़क लक्ष्मी मेडीकल स्टोर का संचालक न सिर्फ नशे की दवाएं व इंजेक्शन बेच रहा था, बल्कि लोगों को लगाता भी था।अगर सीओ सिटी के पास शिकायत नहीं की गई होती तो इस काले धंधे का कभी खुलासा नहीं होता। 

सीओ सिटी आलोक मिश्रा को शिकायत मिली थी कि लक्ष्मी मेडिकल स्टोर पर नशे के इंजेक्शन बेचे जा रहे हैं।उन्होंने पहले जांच कराई। एक सिपाही को सादा कपड़ों में भेजकर नशे का इंजेक्शन खरीदवाया।पुष्टि होने के बाद शनिवार रात को सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ सिटी ने मेडिकल स्टोर पर छापा मारा। इसके बाद यहां नशे की दवाएं भी मिल गईं।मेडिकल स्टोर संचालक विनोद एक नाबालिग को नशे का इंजेक्शन लगाते रंगेहाथ पकड़ा भी गया।पुलिस की कार्रवाई से औषधि विभाग की मिली भगत उजागर हो गई। पिछले दिनों औषधि विभाग की टीम ने मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण किया था।

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चर्चा तो यह है कि जहां से विभाग की सेवा हो जाती है वहां निरीक्षण में सब कुछ ठीक-ठाक हो जाता है, जहां सेवा नहीं होती वहां पूरे नियम कानून गिनाकर संचालक को परेशान किया जाता है।औषधि विभाग को तो यह तक नहीं पता कि जिले में कितने मेडिकल स्टोर बगैर लाइसेंस के चल रहे हैं।

घर भी खंगाला, नहीं मिलीं नशे की दवाएं:-शहर के लक्ष्मी मेडिकल स्टोर पर नशे की दवा व इंजेक्शन मिलने के बाद औषधि विभाग ने मेडिकल स्टोर स्वामी के घर की तलाशी ली, लेकिन टीम के पहुंचने से पहले ही दवाओं को यहां से हटा दिया गया था। विभाग को यहां कुछ नहीं मिला। टीम जांच पड़ताल में जुटी है। टीम अब जांच कर रही कि नशे की यह दवाएं कहां से खरीद कर लाई जा रहीं थीं।

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लाइसेंस निरस्तीकरण के लिए लिखा पत्र:-मेडिकल स्टोर पर नशे की दवाएं व इंजेक्शन खुलेआम बेचे जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद औषधि विभाग के अधिकारी अपनी कुर्सी बचाने में जुटे हैं। विभाग की तरफ से अब मेडिकल स्टोर के लाइसेंस के निरस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने उच्चाधिकारियों को लाइसेंस निरस्त करने के लिए पत्र भेजा है। उनका कहना है कि लाइसेंस निरस्त होने के बाद मेडिकल स्टोर को सील कर दिया जाएगा।औषधि निरीक्षक लवकुश प्रसाद ने बताया कि बिल वाउचर न दिखा पाने के कारण दवाओं को सील किया गया है। जो दवा बरामद हुई हैं, वह प्रतिबंधित नहीं हैं। हालांकि इन दवाओं को बिना विशेषज्ञ के पर्चे के नहीं बेचा जा सकता। विभाग अभी यह भी पता नहीं लगा पाया है कि नशे की ये दवाएं कहां से खरीदी गईं थीं।

मेडिकल स्टोर पर नाम-पता तक ठीक से नहीं लिखा:-मेडिकल स्टोर स्वामी नशे की दवाएं बेचकर लाखों रुपये महीना कमा रहा था, लेकिन उसने मेडिकल स्टोर पर नाम तक ढंग से नहीं लिखा रखा था। इसकी वजह थी कि अगर कोई फोटो खींचकर किसी अधिकारी या शासन को शिकायत करना चाहे तो यह पता ही नहीं चलेगा कि मेडिकल स्टोर है कहां। सवाल यह उठ रहा है कि औषधि विभाग क्या देख रहा था। मेडिकल स्टोर पर नाम-पता तक ठीक से नहीं लिखा था। नशे की दवाएं पकड़े जाने के बाद सोमवार को मेडिकल स्टोर बंद रहा।

दोनों मेडिकल स्टोरों की भी जांच शुरू:-शहर में लक्ष्मी मेडिकल स्टोर के नाम से तीन मेडिकल स्टोर चलते मिले हैं।औषधि विभाग यह जांच करेगा कि इनके लाइसेंस विभाग से जारी किए गए हैं या नहीं। रविवार व सोमवार को रक्षाबंधन के अवकाश की वजह से विभाग जांच पड़ताल नहीं कर सका था। मंगलवार को जांच के बाद ही पूरा मामला सामने आ सकेगा।समर इंडिया..

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