गंगा एक्सप्रेस-वे पर मिट्टी डालने के लिए खोद दिए मौत के कुएं, जानलेवा हो रहे साबित
बदायूं। गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए मानकों के विपरीत की गई मिट्टी खोदाई के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। अब बरसात के मौसम में किसानों को और ज्यादा दिक्कत होगी। जिन किसानों के खेतों में या उनके नजदीक खेतों में मिट्टी खोदी गई, अब वहां मौत के कुएं बन गए हैं। हर समय किसानों पर खतरा मंडरा रहा है। उनके परिवार और खासकर बच्चों को यह गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं।
मेरठ से प्रयागराज तक बन रहा गंगा एक्सप्रेस-वे बिल्सी, बिसौली, शहर और दातागंज तहसील क्षेत्रों से होकर गुजर रहा है। अभी भी इस पर मिट्टी डालने का काम चल रहा है। शुरुआती दौर में सभी तहसील क्षेत्रों में बिना मानक के मिट्टी खोदने के मामले सामने आए थे। वजीरगंज और दातागंज इलाके में किसानों ने इसका विरोध किया था। किसानों का कहना था कि उन्हें करीब छह फुट गहराई तक मिट्टी उठाने को कहा गया है, लेकिन 15 से 20 फुट गहराई तक मिट्टी खोदी जा रही है। इसकी शिकायत पर तत्कालीन एसडीएम बिसौली ज्योति शर्मा ने वहां दोबारा मिट्टी डलवाकर गड्ढे पटवा दिए थे, लेकिन दातागंज इलाके में आज भी वैसा ही हाल है। अब वहां बरसात होने से पानी भर गया है, जिससे गड्ढे मौत के कुएं बन गए हैं। अभी दो दिन पहले दातागंज इलाके में इन्हीं गड्ढों छह बच्चे डूब गए, जिनमें एक बच्चे की मौत भी हो गई। बरसात के मौसम में यह गड्ढे और जानलेवा साबित होंगे।
बरसात में बह जाएगी पड़ोसियों के खेत की मिट्टी:- गंगा एक्सप्रेस-वे को जिन खेतों से या नजदीक से मिट्टी उठाई गई है। इस बरसात में पड़ोसियों के खेतों को सबसे बड़ा नुकसान है। बरसात में उनके खेतों की मिट्टी बहकर इन गड्ढों में जाएगी, जिससे जहां खोदाई नहीं हुई है। वहां भी दर्रे बनने का अनुमान है। किसानों को चिंता सताने लगी है कि वह अपने खेत कैसे बचाएं और कैसे फसल करें।
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निमठौली गांव की बंजर भूमि बना दी तालाब:- वजीरगंज क्षेत्र के गांव निमठौली के नजदीक कई बीघा सरकारी बंजर भूमि पड़ी थी। जब गंगा एक्सप्रेस-वे पर मिट्टी डालने का काम शुरू हुआ तो यहीं से मिट्टी खोदाई करके डाली गई। आज यहां के हालात काफी गंभीर हो गए हैं। अब बंजर भूमि तालाब बन गई है। लोगों को उधर से गुजरने तक में डर लगता है।
दातागंज क्षेत्र के कई गांव प्रभावित दातागंज तहसील क्षेत्र के कई गांव से मिट्टी खोदाई कराई गई है। इनमें दुधारी, केशोंपुर, छछऊ, गढ़ाह, रायपुर धीरपुर आदि गांव शामिल हैं। सभी गांव के एक ही जैसे हालात हैं। यहां 15 से 20 फुट गहराई तक मिट्टी की खोदाई कराई गई है।