crime story: मौत का खेल: क्राइम पेट्रोल से सीखा कातिल का प्लान

crime story सहारनपुर में जली हुई कार के अंदर मिली लाश के मामले में पुलिस ने डॉक्टर मुबारक अहमद को गिरफ्तार किया है। मुबारक ने…

crime story: मौत का खेल: क्राइम पेट्रोल से सीखा कातिल का प्लान

crime story सहारनपुर में जली हुई कार के अंदर मिली लाश के मामले में पुलिस ने डॉक्टर मुबारक अहमद को गिरफ्तार किया है। मुबारक ने अपने 25 लाख रुपये के कर्ज से मुक्ति पाने के लिए एक खतरनाक प्लान बनाया था, जिसके तहत उसने अपने ही रिश्तेदार सोनू को मार डाला और उसकी लाश को गाड़ी में जलाकर खुद को मरा हुआ साबित करने की कोशिश की।

23 दिसंबर 2024 की सर्द सुबह, हड्डियों को कंपाने वाली ठंड और यूपी के सहारनपुर में बिजोपुरा नहर के किनारे का सुनसान इलाका। झाड़ियों के किनारे बनी करीब 6-7 फीट चौड़ी उस कच्ची पटरी पर इक्का-दुक्का लोग ही कभी-कभी निकलते थे।

crime story इसी पटरी पर उस दिन एक जली हुई मारुति 800 कार मिलती है।

कार के भीतर ड्राइविंग सीट पर एक आदमी की जली हुई लॉश भी थी। पुलिस को खबर मिलती है और कुछ ही देर में सायरन बजाती हुई गाड़ियां मौके पर पहुंच जाती हैं। फोरेंसिक टीम को भी बुला लिया जाता है।

लाश पूरी तरह जल चुकी थी। शिनाख्त का कोई जरिया नहीं था। ऐसे में पुलिस गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर को ट्रेस करती है। पता चलता है कि ये मारुति कार कानपुर के किसी शख्स के नाम पर है, लेकिन इसे करीब 8 बार बेचा जा चुका है। तफ्तीश होती है, तो पता चलता है कि करीब दो-ढाई महीने पहले इस कार को बागपत में रहने वाले डॉक्टर मुबारक नाम के आदमी ने खरीदा था।

पुलिस अभी इस तहकीकात में जुटी ही थी कि 26 दिसंबर को सोनू नाम के एक शख्स की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होती है। गुलजार नाम का आदमी बताता है कि यमुनानगर में रहने वाला उसका भांजा सोनू 22 दिसंबर से लापता है। फिलहाल वह हबीबगढ़ में रह रहा था और उन्हें शक है

crime story नहर के किनारे, गाड़ी में जो लाश मिली है, वह उनके भांजे सोनू की हो सकती है। पुलिस केस दर्ज करती है और तफ्तीश शुरू कर देती है।
इस केस में पुलिस के सामने अब दो नाम थे। पहला डॉक्टर मुबारक और दूसरा सोनू। ऐसे में पुलिस उस जगह पर अपने मुखबिरों का जाल बिछाती है, जहां जली हुई मारुति कार मिली थी।

पुलिस का ये आइडिया काम करता है और 27 दिसंबर को मौके से एक आदमी को हिरासत में ले लिया जाता है। ये आदमी कोई और नहीं, बल्कि डॉक्टर मुबारक था।

पूछताछ में मुबारक कबूल करता है कि ये कार उसकी ही थी और उसने ही इसे जलाया था। अब यहां कई सवाल खड़े हो जाते हैं। मुबारक ने उस कार को क्यों जलाया? कार में मिली लाश किसकी थी? और, मुबारक दोबारा उस जगह पर क्यों गया था? इन सारे सवालों के जवाब मुबारक की उस कहानी से मिल जाते हैं, जिसे सुनकर पुलिसवालों की आंखें भी फटी की फटी रह जाती हैं।

crime storyडॉक्टर मुबारक अहमद बागपत के असारा गांव का रहने वाला है,

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लेकिन करीब 20 साल पहले वह सहारनपुर के हबीबगढ़ में आकर रहने लगा। पेशे से मुबारक एक यूनानी डॉक्टर है और हबीबगढ़ में ही अपनी क्लीनिक चलाता है। कुछ महीने पहले मुबारक ने बैंक से 10 लाख रुपये का पर्सनल लोन लिया। इसके अलावा कुछ और जानने वाले लोगों से भी लगभग 10 लाख रुपये उधार ले लिए।

 

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इसके बाद उसने दो नई कार और दो बाइक फाइनेंस कराई। अपने नाम पर करीब 10 लाख रुपये की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी और 5 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस ले लिया। इनके अलावा उसने एक प्रॉपर्टी भी खरीद ली। मुबारक को लगा कि इन सभी की किश्तें वो अपनी डॉक्टरी की कमाई से चुका देगा। लेकिन, कर्ज लगभग 25-30 लाख का हो चुका था और लेनदार अपने रुपयों को मांगने अब उसके घर आने लगे थे।

एक दिन मुबारक टीवी पर क्राइम पेट्रोल का एक एपिसोड देख रहा था। इस एपिसोड को देखते-देखते ही उसके दिमाग में एक आइडिया आया और उसने एक खतरनाक प्लान तैयार कर लिया। प्लान में कोई चूक ना हो, इसके लिए उसने क्राइम पेट्रोल के इस एपिसोड को 10 बार देखा। प्लान था, अपनी कद काठी की किसी लाश को तलाशकर गाड़ी में जलाना और खुद को मरा हुआ साबित करना।

ऐसा करने से जहां पर्सनल लोन की रकम माफ हो जाती, वहीं 10 लाख रुपये जीवन बीमा के भी मिल जाते। अपने प्लान के लिए मुबारक ने करीब दो ढ़ाई महीने पहले एक सेकंड हैंड सस्ती मारुति 800 कार खरीदी। अब जरूरत थी एक ऐसी लाश की, जो उसके जैसी कद-काठी की हो।

बहुत तलाशने पर भी ऐसी लाश नहीं मिली और एक दिन उसकी नजर अपने रिश्तेदार की फैक्ट्री में काम करने वाले 30-32 साल के सोनू पर पड़ी।

crime story सोनू कद काठी में डॉक्टर मुबारक की ही तरह दिखता था।

पिता मर चुके थे और मां ने दूसरी शादी कर ली थी। रिश्तेदारों के नाम पर केवल गुलजार नाम का एक मामा है। ऐसे में मुबारक को सोनू के अंदर अपना वो शिकार दिखा, जिसके जरिए वह अपनी खतरनाक प्लानिंग को अंजाम दे सकता है। मुबारक ने सोनू से दोस्ती की और धीरे-धीरे उसके साथ शराब भी पीना शुरू कर दिया।

मुबारक को अपने प्लान के लिए गाड़ी मिल चुकी थी, शिकार भी उसके सामने था और अब जरूरत थी केवल एक ऐसी जगह की, जहां वो अपने नापाक मंसूबे को अंजाम दे सके। इसके लिए उसने बिजोपुरा इलाके में नहर के किनारे की उस पटरी को चुना, जहां से इक्का-दुक्का लोग ही गुजरते थे। 22 दिसंबर को मुबारक ने सोनू को शराब पीने के बहाने से अपनी गाड़ी में बिठाया और रात के अंधेरे में नहर के किनारे पहुंच गया।

दोनों ने कार में बैठकर शराब पी और इसी दौरान मुबारक ने चुपके से सोनू के ग्लास में नशे की कुछ गोलियां मिला दीं। सोनू जब बेसुध हो गया, तो मुबारक ने उसे ड्राइविंग सीट पर बिठाया और उसके गले से सोने की चेन निकाल ली। सोनू की पहचान का कोई सबूत मुबारक ने गाड़ी में नहीं छोड़ा। इसके बाद पीछे छिपाकर रखी पेट्रोल से भरी कैन निकालकर उसने पूरी कार पर उड़ेल दी। फिर गाड़ी में आग लगाई और मौके से फरार हो गया।

crime story अगले दिन बिजोरा इलाके के रहने वाले जब्बार अली की नजर इस जली हुई कार पर पड़ी और उन्होंने पुलिस को मामले की खबर दी। यहां से मुबारक की प्लानिंग थी कि जैसे ही उसके नाम का डेथ सर्टिफिकेटजारी होगा, वो अपनी पत्नी के जरिए बीमा की रकम हासिल कर लेगा। इसके बाद अपना नाम और पहचान बदलकर किसी और राज्य में जाकर नए सिरे से जिंदगी शुरू कर देगा।

सबकुछ मुबारक की प्लानिंग के हिसाब से हुआ, लेकिन उसकी एक चूक ने पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया। दरअसल, पुलिस को जब सोनू की गुमशुदगी की रिपोर्ट मिली, तो अफसरों ने मुखबिरों का एक जाल उस जगह पर बिछा दिया, जहां जली हुई गाड़ी मिली थी।

crime story27 दिसंबर को मुबारक ये चेक करने के लिए मौका-ए-वारदात पर पहुंचा कि कार ठीक से जली है या नहीं और पुलिस के शिकंजे में फंस गया।मुबारक ने पुलिस की पूछताछ में अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसके पास से सोनू की सोने की चेन भी बरामद हो गई। पुलिस ने मुबारक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है

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