(महिला जज की मौंत का मामला)….भाई ने भी उठाए सवाल, बोले- खुला था पिछला दरवाजा, गंभीरता से हो जांच

(महिला जज की मौंत का मामला)….भाई ने भी उठाए सवाल, बोले- खुला था पिछला दरवाजा, गंभीरता से हो जांच

बदायूं। सिविल जज (जूनियर डिवीजन) ज्योत्सना राय के शव का रविवार को पोस्टमार्टम करा दिया गया। परिवार वाले उनके शव को अयोध्या ले गए हैं।उनकी आखिरी इच्छा के अनुसार सरयू तट पर ही अंतिम संस्कार किया जाएगा।परिवार वाले उनके आवास से काफी सामान और उनके खरगोश भी साथ ले गए हैं। सिविल जज के बड़े भाई हिमांशु शेखर राय ने आवास की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।

रविवार सुबह करीब 10 बजे परिवार के लोग पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। वाराणसी में कार्यरत रेलवे के इंजीनियर हिमांशु शेखर राय ने बताया कि वह ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं, लेकिन कहीं न कहीं उनका आवास सुरक्षित नहीं था। पीछे लगा जाली वाला गेट खुला था। बाथरूम का दरवाजा भी खुला पड़ा था। पुलिस को पिछले दरवाजों से फिंगर प्रिंट लेने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। पीछे से कोई भी व्यक्ति अंदर चढ़कर आ सकता था, लेकिन अब वह चाहते हैं कि पुलिस इसकी गंभीरता से जांच करे। पुलिस को यह सब चीजें नजरअंदाज नहीं करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि डायरी से कई पन्ने फटे हुए मिले हैं। उन पन्नों में कुछ भी हो सकता है। पुलिस को उसे भी गंभीरता से लेना चाहिए। दोपहर करीब 12 बजे तक पोस्टमार्टम की कार्रवाई पूरी हुई। इसके बाद उनके शव को आवास पर लया गया। यहां जिला जज पंकज अग्रवाल, सीजेएम मोहम्मद साजिद और अन्य जजों ने ज्योत्सना राय को अंतिम विदाई दी। इसके बाद शव को वाहन से अयोध्या ले जाया गया है। परिवार वाले उनका अंतिम संस्कार अयोध्या में सरयू तट पर करेंगे।

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लखनऊ में खरीदना चाह रहीं थीं आवास को जमीन:-हिमांशु शेखर राय ने बताया कि ज्योत्सना लखनऊ में जमीन खरीदना चाहती थीं। उन्होंने लखनऊ में ही एक जगह जमीन देखी थी।रविवार को ज्योत्सना, उनकी मां और वह जमीन देखने के लिए जाने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही यह घटना हो गई। अभी 15 दिन पहले ही वह लखनऊ से बदायूं आई थीं। तब उन्होंने एक सोफा और पिता को कार खरीदवाई थी। यह देखकर उन्हें जरा भी आभास नहीं हो रहा है कि वह कभी आत्महत्या कर सकती थीं, लेकिन इस घटना से सभी हैरत में हैं।

 

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