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नीतीश को जाति आधारित गणना पर पटना हाईकोर्ट से लगा बड़ा झटका

जी हाँ सोशल मीडिया पर बिहार से जुडी एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमे आपको बतादें कि बिहार में जाति आधारित गणना और आर्थिक सर्वे को लेकर नीतीश सरकार को फिर से बड़ा झटका लगा है। पटना हाईकोर्ट ने 9 मई को सुनवाई के बाद बिहार सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है। पटना हाईकोर्ट में मंगलवार को बिहार की इंट्रोलोकेट्री एप्लीकेशन पर सुनवाई की गई।

बिहार सरकार के महाधिवक्ता पी के शाही ने इंट्रोलोकेट्री एप्लीकेशन दायर किया

आपको बताते चले कि इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने राज्य में जाति आधारित गणना पर रोक लगाते हुए सुनवाई के लिए 3 जुलाई की तारीख तय की थी। इसी को लेकर बिहार नीतीश सरकार के महाधिवक्ता पी के शाही ने इंट्रोलोकेट्री एप्लीकेशन दायर किया और मामले में जल्द सुनवाई की मांग की।

सुनवाई के बाद पटना हाईकोर्ट ने याचिका की रद्द

वहीँ दूसरी और आज यानि 9 मई को इस याचिका पर पटना उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई पटना हाईकोर्ट ने खारिज की बिहार नीतीश सरकार की याचिका इस इंट्रोलोकेट्री एप्लीकेशन पर सुनवाई पटना हाईकोर्ट में मंगलवार को की गई। बिहार नीतीश सरकार की याचिका को सुनवाई के बाद पटना हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया। इससे ये तय हो गया कि राज्य में अभी जाति आधारित गणना पर लगी रोक बरकरार रहेगी।

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जानिए क्या है पूरा मामला

साथ ही ये भी साफ हो गया कि अब इस मामले पर अगली सुनवाई 3 जुलाई को ही होगी। इस याचिका को रद्द किए जाने के बाद नीतीश सरकार को बड़ा झटका लगा है। बिहार में जाति आधारित गणना को लेकर पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में जनगणना को राज्य सरकार की शक्ति से बाहर बताया गया था।

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जानिए कब होगी अगली सुनवाई

याचिका पर सुनवाई के बाद पटना हाईकोर्ट ने भी ये टिप्पणी की थी कि जाति आधारित गणना या सर्वे कराना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है और ये केंद्र की शक्तियों के अंतर्गत आता है। इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने जाति आधारित गणना पर रोक लगा दी थी। अब इस मामले में अगली सुनवाई पहले की तय तारीख यानी 3 जुलाई 2023 को ही होगी।

नीतीश

 

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