जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री Bhajanlal Sharma ने प्रदेश को पानी के क्षेत्र में पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता बताते हुए कहा है कि इसके लिए राज्य सरकार द्वारा अपने कार्यकाल की शुरूआत से ही विभिन्न महत्वपूर्ण जल एवं सिंचाई परियोजनाओं की पहल की गई है जिससे प्रदेशवासियों को जल की उपलब्धता बढ़ सके।
राइजिंग राजस्थान एमओयू समीक्षा बैठक – CM Bhajanlal Sharma ने कहा,भूमि आवंटन सहित अन्य कार्यों में लाए तेजी
श्री शर्मा बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जल संसाधन विभाग, इंदिरा गांधी नहर विभाग एवं सिंचित क्षेत्र विकास विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
Bhajanlal Sharma ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस सबंध में गत दो वर्षों में बजट में की गई विभिन्न घोषणाओं को धरातल पर मूर्त रूप देने के लिए काम में तेजी लाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि इन परियोजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करते हुए प्रत्येक 15 दिन में मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रगति रिपोर्ट भेजी जाए।
उन्होंने कहा कि राज्य के विकास में पानी एक मूलभूत आवश्यकता है। जल की निर्बाध आपूर्ति से आमजन का जीवन सुगम होगा। ऐसे में, हमारी सरकार द्वारा जल स्रोतों का विकास कर उनकी संग्रहण क्षमता बढ़ाने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैैैं। उन्होंने कहा कि राज्य में सिंचाई एवं पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नदियों के पानी को व्यर्थ नहीं बहने दिया जाए। पानी का पूरा उपयोग होगा तो किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ दिया जा सकेगा।
Bhajanlal Sharma ने कहा कि राम जलसेतु लिंक परियोजना राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। जिससे राज्य की एक बड़ी आबादी को निर्बाध जल की आपूर्ति होगी। ऐसे में इस परियोजना को प्राथमिकता से लेते हुए अधिकारी इसकी नियमित मॉनिटरिंग कर चरणबद्ध एवं योजनाबद्ध तरीके से कार्य सुनिश्चित करें।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस महत्वपूर्ण परियोजना की क्रियान्विति में अधिकारी अनावश्यक देरी ना करें। धरातल पर काम दिखना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को इस परियोजना की प्रगति रिपोर्ट हर 15 दिन में मुख्यमंत्री कार्यालय में भेजने के निर्देश दिए।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि राणा प्रताप सागर बांध-ब्राह्मणी नदी से बीसलपुर बांध में जल अपवर्तन लिंक की डीपीआर तैयार करने के लिए कार्यादेश जारी किया जा चुका है। साथ ही बीसलपुर बांध से बाणगंगा और रूपारेल नदी को जोड़े जाने संबंधी डीपीआर तैयार करने के लिए भी कार्यादेश जारी किया जा चुका है।
बैठक में परियोजना के तहत मेज बैराज-बूंदी, डूंगरी बांध व राठौड़ बैराज तथा ईसरदा बांध से रामगढ़ बांध, जवाईपुरा एवं बीसलपुर बांध से मोर सागर-अजमेर के कार्यों सहित विभिन्न कार्यों की भी समीक्षा की गई।
उन्होंने अधिकारियों को परियोजनाओं को निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने के निर्देश देते हुए स्पष्ट किया कि जनहित के किसी भी कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा गैर-जिम्मेदार कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी फील्ड में जनता के बीच जाकर सक्रिय होकर काम करें। सरकार द्वारा आवश्यक संसाधनों में किसी भी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी। साथ ही परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए केन्द्र से भी लगातार समन्वय बनाए रखें।
Bhajanlal Sharma ने इंदिरा गांधी नहर विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी मुख्य नहर की बुर्जी पर बने हुए चार प्राकृतिक डिप्रेशन को जलाशयों में परिवर्तित के कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाए। जलाशयों के लिए भूमि अवाप्ति के कार्य शीघ्र पूर्ण किए जाए। मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी नहर परियोजना की लिफ्ट नहरों की समीक्षा करते हुए कहा कि फव्वारा सिंचाई पद्धति को विशेष रूप से विकसित किया जाए।
Bhajanlal Sharma फव्वारा सिंचाई पद्धति को विशेष रूप से विकसित किया जाए
Bhajanlal Sharma ने कहा कि परवन वृहद् बहु-उद्देशीय सिंचाई परियोजना की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि परियोजना के तहत शेष डिग्गियों का निर्माण, रेडियल गेटों का इरेक्शन कार्य, पुनर्वास के सभी कार्यों को पूर्ण किया जाए। साथ ही, परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण की अवॉर्ड राशि का भुगतान भी किया जाए।
उन्होंने कहा कि धौलपुर लिफ्ट सिंचाई परियोजना के तहत इन्टेक स्ट्रक्चर कार्य, पाइपलाइन बिछाने के कार्य एवं ईसरदा पेयजल परियोजना में पुनर्वास अवॉर्ड के कार्यां में गति लाई जाए। कालीतीर लिफ्ट परियोजना में फॉरेस्ट क्लियरेंस, भूमि अवाप्ति के लिए अवॉर्ड का कार्य को जल्द ही शुरू किया जाए।

