मुड़ा पुल हादसा: गंगा की धारा मोड़ने में अटक गया पीडब्ल्यूडी
700 मीटर का पुल बना, 180 मीटर संपर्क मार्ग बह गया,तीन लोगों की जान गई
बदायूं। मुड़ा पुल पर रविवार को हुए हादसे में तीन लोगों की जान चली गई। प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि हादसा लोकनिर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की लापरवाही से चलते हुआ है। यहां बता दें कि 2023 में पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाए गए पुल का संपर्क मार्ग बाढ़ में बह गया था। साथ ही गंगा की धारा भी मुड़कर फरीदपुर की तरफ पहुंच गई थी। पीडब्ल्यूडी के अधिकारी सवा साल से मंथन कर रहे थे कि निर्माणाधीन पुल को लंबा किया जाए या फिर गंगा की धारा को वापस बदायूं की ओर लाया जाए। इसी दौरान यह हादसा हो गया।
इसके बाद सेतु निगम व पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने रामगंगा नदी पर बने इस पुल की लंबाई बढ़ाने पर चर्चा की। पुल की लंबाई बढ़ाने से लेकर दो सौ मीटर लंबा संपर्क मार्ग बनाने में अनुमानित लागत छह करोड़ रुपये बताई गई।तय हुआ कि पुल की लंबाई बढ़ने के बाद पीडब्ल्यूडी दो सौ मीटर लंबा संपर्क मार्ग तैयार करेगा। पिछले एक-सवा साल से यही मंथन चल रहा है, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ।
शासन में अटकी है नदी की धारा मोड़ने की फाइल:-लोकनिर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता नरेश कुमार ने बताया ने कि पुल का संपर्क मार्ग धंसने के बाद सिंचाई विभाग, लोकनिर्माण विभाग के मुख्य अभियंता व सेतु निगम के एमडी की एक टीम बनी। तीनाें अधिकारियाें ने मौके पर पहुंचकर जांच की। इसमें दो बातों पर राय बनी। पहली या तो गंगा की धारा को मोड़कर वापस बदायूं की तरफ लाया जाए या फिर पुल को आगे बढ़ाया जाए।इसके लिए आईआईटी रुड़की की टीम को प्रस्ताव भेजा गया। 29.30 लाख रुपये में रुड़की की टीम ने सर्वे करने का एस्टीमेट बनाकर दिया। ये रकम रुड़की को देने के बाद ही वहां से टीम सर्वे के लिए आती। फाइल शासन को भेज दी गई है।
रिपोर्ट-जयकिशन सैनी (समर इंडिया)