समाजवादी पार्टी वक्फ बिल के खिलाफ है और आगे भी रहेगी : Akhilesh Yadav

नई दिल्ली।  समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री Akhilesh Yadav ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी वक्फ बिल के खिलाफ पहले भी थी और आगे भी रहेगी। जिस तरह के संशोधन भाजपा कर रही है, वह पूरा कंट्रोल अपने पास चाहती है।केंद्र सरकार बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश कर सकती है। इससे पहले वक्फ बिल को लेकर सियासी पारा गरमा चुका है।

भाजपा ने गिनती के कारोबारियों को दिया अवसर, देश आर्थिक संकट में : Akhilesh Yadav

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने मंगलवार को संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा, “भाजपा का इतिहास जिस तरह के फैसलों से भरा है, उससे जो परिणाम भाजपा चाहती थी, वह नहीं आए। भाजपा का हर फैसला वोट के लिए होता है। समाजवादी पार्टी वक्फ बिल के खिलाफ है और आगे भी रहेगी।

वे (भाजपा) पूरा नियंत्रण अपने पास चाहते हैं। इस देश ने वह समय भी देखा है, जब प्रशासन के गलत फैसले के कारण भारत की संस्कृति और भाईचारे के खिलाफ खाई पैदा की गई। जीएसटी हो, नोटबंदी हो या अन्य फैसले, वह (भाजपा) लोगों से कुछ न कुछ छीनने का काम करते हैं।”

उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा, “वक्फ के माध्यम से वह यह संदेश देना चाहते हैं कि अपना वोट बैंक ठीक कर लें, क्योंकि नौकरी नहीं दी, किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई। इनका वोटर भी इनसे नाराज है। वह कहते थे कि हम (विपक्ष) तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं, क्या वे (भाजपा) ईद पर किट बांटकर तुष्टीकरण नहीं कर रहे हैं?

Akhilesh Yadav नोटबंदी के दौरान उत्तर प्रदेश में इत्र व्यापारी के घर से 250 करोड़ रुपए मिले

ईद पर जो किट दी है, क्या वह तुष्टीकरण में नहीं आएगा? इनको पता है, इनका वोट बैंक खिसक गया है। अभी तक ये हिंदू भाइयों को गुमराह करते थे। अब इनकी कोशिश मुसलमानों को भी गुमराह करने की है।” Akhilesh Yadav ने आगे कहा कि इन्होंने एंग्लो-इंडियन आरक्षण छीना, जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में चुनकर आते थे, क्या विपक्ष ने गुमराह किया था? नोटबंदी पर इन्होंने कहा था कि आतंकवाद खत्म हो जाएगा।

क्या नोटबंदी से भ्रष्टाचार बंद हुआ? नोटबंदी के दौरान उत्तर प्रदेश में इत्र व्यापारी के घर से 250 करोड़ रुपए मिले थे और कहा गया कि ये व्यापारी सपा का है। जब इनका फैसला गलत हुआ, तो इन्होंने अपनी बदनामी छिपाने के लिए सपा एमएलसी के घर पर छापा मारा। संसद में आजादी की तरह जीएसटी को लेकर जश्न मनाया गया। क्या जीएसटी से व्यापारी संतुष्ट हैं? जीएसटी से महंगाई और भ्रष्टाचार बढ़ा।

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