बदायूं में बाढ़..स्कूल-पंचायत भवन में घुसा रामगंगा का पानी,शाहजहांपुर मार्ग बंद, गंगा खतरे के निशान से ऊपर

बदायूं में बाढ़..स्कूल-पंचायत भवन में घुसा रामगंगा का पानी,शाहजहांपुर मार्ग बंद, गंगा खतरे के निशान से ऊपर बदायूँ।दातागंज क्षेत्र में रामगंगा का जलस्तर तेजी से…

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बदायूं में बाढ़..स्कूल-पंचायत भवन में घुसा रामगंगा का पानी,शाहजहांपुर मार्ग बंद, गंगा खतरे के निशान से ऊपर

बदायूँ।दातागंज क्षेत्र में रामगंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।जिसका असर नदी किनारे स्थित गांवों पर साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। दातागंज से शाहजहांपुर जाने वाले मार्ग पर बाढ़ का पानी भर जाने के कारण यातायात पूरी तरह से बंद हो गया है।वहीं बाढ़ का पानी खेतों में होते हुए गांव में पहुंच गया है। इससे जनजीवन प्रभावित हो गया।

प्राथमिक विद्यालय जरतौली में परिसर से लेकर कक्षाओं में एक से डेढ़ फीट तक पानी भर गया।मौसमपुर के पंचायत भवन में भी दो फीट तक पानी भर गया। संविलियन विद्यालय शेरपुर में भी दो से तीन फीट पानी भरा हुआ है।ग्रामीणों का कहना है कि इसी तरह पानी बढ़ता रहा, तो लोगों को गांव छोड़ने पर मजबूर होना पड़ेगा। सड़कों पर पानी भर गया है।प्रशासन को आवागमन के लिए नाव लगाई है।

चारों ओर से घिरा नवादा बदन और अकट गांव:-सोमवार को रामगंगा का जलस्तर 161.140 मीटर दर्ज किया गया, जो आने वाले 24 घंटों में और बढ़ने की आशंका जताई गई थी। क्षेत्र के नवादा बदन और अकट गांव को पानी ने चारों तरफ से घेर लिया। दातागंज तहसील तक जाने वाली सड़क पर पानी आ गया। इस सड़क से एक दर्जन से ज्यादा गांव के लोग तहसील जाते हैं। प्रशासन ने हर्रामपुर गांव के पास दो नाव लगाकर लोगों काे घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की।

गंगा खतरे के निशान से ऊपर:-नरौरा से डेढ़ लाख क्यूसेक से अधिक पानी गंगा नदी में छोड़े जाने से गंगा किनारे के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 58 सेंटीमीटर ऊपर है। कछला में घाट तक पानी पहुंचने लगा है। वहीं सहसवान के तीन गांव अब टापू बन गए हैं। आगामी 24 घंटे में पानी और बढ़ने की आशंका है।

गंगा में हरिद्वार, बिजनौर और नरौरा बैराजों से तेजी से पानी छोड़ा जा रहा है। हालत यह है कि नरौरा से रविवार को 1,67,780 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। अगले 24 घंटे में यह पानी जिले की सीमा में प्रवेश कर जाएगा, जिससे लोगों की मुसीबत बढ़ सकती है। हरिद्वार से भी 86 हजार और बिजनौर से 91 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है। अभी बाढ़ का पानी आसपास के गांवों के खेतों में भर गया है।

तटबंधों पर खतरा:-पानी ने गांव की ओर अपना रुख शुरू कर दिया है। गंगा में पिछले कई दिन से जलस्तर में उतार-चढ़ाव होने की वजह से कटान होना शुरू हो गया है। ऐसे में ईसमपुर, नगला अजमेरी, गंगा-महावा और चंदनपुर हुसैनपुर बांध पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।ईसमपुर, गंगा महावा तटबंध को अति संवेदनशील श्रेणी में रखा है।वहीं, सहसवान के भमरोलिया, तोफीनगला, पशुराम नगला गांव टापू बन गए हैं। बाढ़ के पानी ने गांव को चारों ओर से घेर लिया है। पानी और बढ़ता है तो गांव में भर जाएगा।समर इंडिया

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