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Court में लगातार अपूर्ण या त्रुटि पूर्ण आख्या प्रेषित करने वाले प्रभारी निरीक्षक को न्यायालय में किया तलब

न्यायिक मजिस्ट्रेट ने प्रभारी निरीक्षक को 29 जुलाई को Court में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का दिया आदेश
सहसवान। न्यायिक मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार ने न्यायालय में लगातार अपूर्ण या त्रुटिपूर्ण आख्या प्रेषित करने पर सहसवान प्रभारी निरीक्षक को 29 जुलाई वर्ष 2024 को न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने को कहा है।

ऐसा न करने पर आपके विरुद्ध न्यायालय आदेश की अवहेलना में प्रक्रीनवाद दर्ज कर विधि अनुसार कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।

 

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Court में लगातार अपूर्ण या त्रुटि पूर्ण आख्या प्रेषित करने वाले प्रभारी निरीक्षक को न्यायालय में किया तलब
Court में लगातार अपूर्ण या त्रुटि पूर्ण आख्या प्रेषित करने वाले प्रभारी निरीक्षक को न्यायालय में किया तलब

Court नोटिस की एक प्रति वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बदायूँ की इस आशय से प्रेषित की गई है

वह प्रभारी निरीक्षक के विरुद्ध कार्यवाही अमल में लाते हुए न्यायालय को कृत्य कार्यवाही से अवगत कराना सुनिश्चित करें।

न्यायिक मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार ने प्रभारी निरीक्षक सहसवान को न्यायालय में लगातार अपूर्ण या त्रुटिपूर्ण आख्याए प्रेषित करने पर विगत कई माह से लगातार लापरवाही बरती जा रही है।

 

 

 

Court के बारबार आख्या आहूत करने पर या तो त्रुटिपूर्ण आख्या प्रेषित की जाती है

या समय का अभाव बताकर कोई भी आख्या न्यायालय में प्रेषित नही की जाती है। मोटर वाहन नियमावली के नियम 203 (क )के तहत न्यायालय में अपूर्ण या त्रुटिपूर्ण आख्याए प्रेषित की जा रही है। इस संबंध में मौखिक व लिखित रूप से कई बार चेतावनी भी दी गयी परन्तु आपकी कार्यशैली में कोई परिवर्तन नही आया माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अंतर्गत 156(3) दंड प्रक्रिया सहिता के तहत न्यायालय में लंवित वादों को शीघ्र अतिशीघ्र निस्तारण हेतू निर्देशित किया गया है।

 

न्यायिक मजिस्ट्रेट ने प्रभारी निरीक्षक को 29 जुलाई को Court में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का दिया आदेश सहसवान। न्यायिक मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार ने...
न्यायिक मजिस्ट्रेट ने प्रभारी निरीक्षक को 29 जुलाई को Court में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का दिया आदेश सहसवान। न्यायिक मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार ने…

मेरे द्वारा Court में लंवित बादो के अवलोकन से पाया गया है

कि आपसे अंतर्गत 156(3) दंड प्रक्रिया सहिता के वादों में लगभग 6 माह से आख्याए आहूत की जा रही है। परंतु आपके द्वारा कोई आख्या न्यायालय में प्रेषित नही की गई है। ऐसा परिलक्षित होता है की आप अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाह है और यह आपका कृत्य न्यायालय की अवहेलना की पुष्टि करता है।

 

और आपको बार बारCourt द्वारा अवगत कराये जाने के बाद भी शिथिलता बरती जा रही है। आप अपना स्पष्टीकरण 29 जुलाई वर्ष 2024 को न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण सुनिश्चित करें।यदि आप उपस्थित नही होते है तो आपके विरुद्ध न्यायालय की अवहेलना में प्रकीर्ण वाद दर्ज कर विधिक कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।

नोटिस की एक प्रति वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बदायूँ को इस आशय से प्रेषित की जाती है की वह प्रभारी निरीक्षक के विरुद्ध विधिनुसार कार्यवाही अमल में लावे और Court को अवगत कराए।

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