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Chandigarh Mayor Election 2024:सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बड़ा आदेश सुनाया

Chandigarh Mayor Election 2024 मामले में मंगलवार को बड़ा फैसला आया। सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी को संपन्न Chandigarh Mayor Election 2024  में अमान्य किए गए 8 वोट को मान्य करार दिया। पीठासीन अधिकारी पीओ अनिल मसीह ने इन वोटों को अमान्य कर दिया था। उन पर वोटों की गिनती के दौरान छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है।

 

 

Chandigarh Mayor Election 2024 अब आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मेयर घोषित कर दिया गया है।

यह फैसला चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय बेंच ने सोमवार को सुनाया था। सुनवाई के दौरान अदालत ने अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का फैसला किया है। फैसले के अनुसार मसीह के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया संहिता सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

 

Chandigarh Mayor Election 2024 मामले में क्या फैसला आया है

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को Chandigarh Mayor Election 2024 मामले में बड़ा आदेश सुनाया। 30 जनवरी के चुनाव नतीजों को रद्द करते हुए कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का असली मेयर घोषित कर दिया। कुलदीप आप.कांग्रेस गठबंधन के साझा उम्मीदवार थे।

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को 12 वोट मिले थे। 8 मतों को गलत तरीके से अमान्य करार दे दिया गया। बाद में ये 8 वोट याचिकाकर्ता के पक्ष में पाए गए। इस तरह 8 मतों को जोड़ देने पर याचिकाकर्ता के 20 वोट हो जाते हैं। लिहाजा आप पार्षद और याचिकाकर्ता कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ नगर निगम के महापौर पद पर निर्वाचित घोषित किया जाता है। पीठासीन अधिकारी द्वारा भाजपा प्रत्याशी को विजेता घोषित करने का फैसला अमान्य है।

मसीह के खिलाफ कोर्ट ने कार्रवाई करने का फैसला किया

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आदेश सुनाते हुए कहा कि मसीह ने जानबूझकर के पक्ष में पड़े आठ मतपत्रों से छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी।
सीजेआई ने आदेश में कहा यह स्पष्ट है कि अनिल मसीह ने पीठासीन अधिकारी के रूप में अपनी भूमिका और क्षमता में जो किया वह गंभीर कदाचार के दोषी हैं।

बेंच ने अदालत के समक्ष गलत बयान देने के लिए मसीह के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कार्रवाई भी शुरू की है।
अदालत ने पाया कि गलत बयान देने के लिए पीओ के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत एक उपयुक्त मामला बनाया गया है। रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल को निर्देश दिया गया है कि वह अनिल मसीह को नोटिस जारी कर बताएं कि क्यों न उनके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कार्रवाई शुरू की जाए।

 

Chandigarh Mayor Election 2024 मामले में 19 फरवरी को भी सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की थी।

इस सुनवाई में अदालत के समक्ष मसीह भी उपस्थित हुए थे। इस दौरान मसीह ने अदालत को बताया था कि उन्होंने रद्द मतपत्रों पर निशान लगाए थे ताकि वे अन्य कागजों के साथ न मिल जाएं। हालांकि 20 फरवरी को अदालत ने 8 मतपत्रों की जांच करने के बाद पाया कि मसीह का बयान झूठा था।

 

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कोर्ट ने कहा कि पीठासीन अधिकारी का बयान दर्ज करने से पहले उसने मसीह को गंभीर परिणामों के बारे में नोटिस दिया था। अदालत ने कहा था कि मसीह इस अदालत के समक्ष दिए गए गलत बयान के लिए उत्तरदायी होंगे।

न्यायालय ने दो कृत्यों के लिए पीठासीन अधिकारी की निंदा की। कोर्ट के अनुसार मसीह ने Chandigarh Mayor Election 2024 के नतीजे को गैरकानूनी रूप से बदल दिया और 19 फरवरी को इस न्यायालय के सामने झूठा बयान दिया जिसके लिए उन्हें दोषी ठहराया जाना चाहिए।

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तो क्या होती है सीआरपीसी की धारा 340

यह धारा झूठी गवाही झूठे साक्ष्य और सार्वजनिक न्याय के खिलाफ अपराधों से जुड़ी है। सीआरपीसी की धारा 340 का उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया की अखंडता सुनिश्चित करना और ऐसे अपराध करने से लोगों को रोकना है।
मसीह के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं

अदालत ने मसीह द्वारा जानबूझकर के पक्ष में पड़े आठ मतपत्रों से छेड़छाड़ करने की बात कही है। ऐसे में आने वाले समय में मसीह के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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