Panjab सरकार राज्य भर में पराली जलाने पर रोक लगाने के प्रयास करने का दावा कर रही है, लेकिन प्रदेश में इसके मामलों में तेजी ही देखी जा रही है. पिछले दो दिनों में पराली जलाने के 250 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.
Panjabदिवाली के बाद मामले काफी बढ़ जाते हैं,
त्योहार से दो हफ्ते पहले ही फसल की कटाई में तेजी आने लगी है और पंजाब के विभिन्न इलाकों में पराली जलाने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं.
अगर हम पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) के आंकड़ों पर गौर करें, तो 15 सितंबर से शुरू होकर, पंजाब राज्य में पूरे राज्य में पराली जलाने के 533 मामले देखे गए हैं
Panjab पराली में आग लगने के 143 मामले सामने आए,
इनमें से 50 अमृतसर से और 42 तरनतारन से थे. गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में ही सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने की घटनाओं पर काबू पाने में नाकाम रहने पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को फटकार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और कई अन्य राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को अप्रभावी बताकर उनकी खिंचाई भी की थी
Panjab News:पंजाब कस्टम मिलिंग नीति को मंजूरी
भले ही अमृतसर जिले में दो दिनों (गुरुवार और शुक्रवार) में पराली जलाने के 100 मामले सामने आए हैं, लेकिन सीमावर्ती जिले में खतरे का कोई अंत नहीं दिख रहा है.
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