लाखों रुपए की लागत से बना अमृत सरोवर तालाब झमाझम बारिश के बाद हुआ क्षतिग्रस्त,
रिपोर्ट – एस.पी सैनी
सहसवान। तहसील क्षेत्र में कई दिनों से झमाझम हो रही बारिश के चलते विकासखंड सहसवान के अंतर्गत ग्राम कोल्हाई के नवनिर्मित अमृत सरोवर तालाब के निर्माण के दौरान घटिया सामग्री तथा निर्माण कार्य मानक के विपरीत होने के कारण निर्माण कार्य की पोल खुल गई बरसात का पानी पूरी तरीके से तालाब से ग्राम की ओर कूचकर गया तथा निर्माण कार्य पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया।
ज्ञात रहे भविष्य में पानी की होने वाली किल्लत के मद्देनजर केंद्र सरकार द्धारा पानी की बचत के उद्देश्य से प्रत्येक ग्राम में अमृत सरोवर तालाब का लाखों रुपए खर्च करके निर्माण कार्य कराए गए हैं। इन तालाबों के निर्माण कार्य होने से ग्राम का दूषित जल भी इन तालाबों में एकत्रित होगा व वर्षा का पानी भी इन तालाबों में जमा होगा अमृत सरोवर तालाब को एक पार्क का रूप भी दिया जाएगा जहां लोग सुबह शाम भ्रमण कर सकें मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध कराए गए हैं।
विकासखंड सहसवान के अंतर्गत ग्राम कोल्हाई ने लाखों रुपए की लागत से अमृत सरोवर तालाब का निर्माण कार्य कराया गया।
अमृत सरोवर तालाब का निर्माण कार्य जिला पंचायत बदायूं के द्धारा किया गया। निर्माण कार्य की आधारशिला जिला पंचायत अध्यक्ष वर्षा यादव उनके पति वरिष्ठ भाजपा नेता जितेंद्र यादव के द्धारा रखी गई तालाब की निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का प्रयोग होने के साथी मानक के अनुरूप सामग्री ना लगने से तहसील क्षेत्र में कई दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार वर्षा के चलते तालाब के निर्माण कार्यों की पोल खुल गई।
मूसलाधार वर्षा के चलते पानी की निकासी के लिए बनाई गई पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई तथा तालाब के चारों ओर बनाई गई पीढ़ी क्षतिग्रस्त हो गई तथा मिट्टी कई माह से तालाब के अंदर एकत्रित किया गया।
जल पल भर में ही पुलिया के क्षतिग्रस्त होने से गांव की तरफ कूच कर गया अमृत सरोवर तालाब के निर्माण कार्यों में घटिया तथा मानक के अनुसार निर्माण कार्य ना होने के कारण तालाब के निर्माण कार्य की पोल खुल गई अब देखना है। की ग्राम कोल्हाई के अमृत मानसरोवर तालाब में लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद घटिया सामग्री के प्रयोग की पोल खुलने पर निर्माण कार्य कराने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई होती है। यह नगर एवं क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
कारण बरसात में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया गांव का पानी तालाब के बांध को तोड़कर तालाब में गंदा पानी चले जाने से अमृत मानसरोवर तालाब का स्तर खराब हुआ जबकि अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत एवं अध्यक्ष जिला पंचायत वर्षा यादव के निर्देश पर सहायक इंजीनियर ने गांव के गंदे पानी के निकास को एक नाला नवनिर्माण का एस्टीमेट बनवा कार संबंधित ठेकेदार को सौंपा। ठेकेदार ने उक्त नाला निर्माण गांव के गंदे पानी का निकास का प्रबंध ना करने पर तालाब मैं गांव का गंदा पानी प्रवेश कर गया इसका जिम्मेदार असिस्टेंट इंजीनियर एवं जिला पंचायत बदायूं तथा उक्त ठेकेदार जिम्मेदार है। गांव में इसकी विभिन्न प्रकार की चर्चा आम हो गई है।
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