नगर निकाय बोर्ड की बैठक में भी पालिका द्धारा दुकानों के किराए में की गई बेतहाशा वृद्धि में भी नहीं हो सका कोई निर्णय।

नगर निकाय बोर्ड की बैठक में भी पालिका द्धारा दुकानों के किराए में की गई बेतहाशा वृद्धि में भी नहीं हो सका कोई निर्णय। किराएदार…

नगर निकाय बोर्ड की बैठक में भी पालिका द्धारा दुकानों के किराए में की गई बेतहाशा वृद्धि में भी नहीं हो सका कोई निर्णय।

किराएदार असमंजस में पालिका किराए वसूली के लिए रणनीति में जुटी

रिपोर्ट – एस.पी सैनी

सहसवान। वर्ष 2020 में नगर पालिका परिषद द्वारा अपनी दुकानों के किराए में की गई वृद्धि को कम करने के देखे जा रहे सपने उस समय ध्वस्त हो गए जब पालिका अध्यक्ष द्वारा 20 जून को बोर्ड की बुलाई गई प्रथम बैठक में भी पालिका द्वारा दुकानों के किराए की की गई वृद्धि पर कोई निर्णय नहीं हो सका निर्णय तो होना तो दूर किसी भी सदस्य इस पर चर्चा करना भी मुनासिब नहीं समझा जो नगर में एक चर्चा का विषय बना हुआ हैI

ज्ञात रहे  नगर पालिका परिषद सहसवान द्धारा वर्ष 2020 माह नवंबर में नगर पालिका परिषद बोर्ड की

पालिका अध्यक्ष मीर हादी अली उर्फ बाबर मियां की अध्यक्षता में नगर पालिका परिषद की बाजार विल्सन गंज में किराए पर उठी दुकानों के किराए में ₹2000 प्रति माह किराया जमा करने के लिए सर्वसम्मति से हुए प्रस्ताव के उपरांत वसूली के व्यापारियों को भेजे गए नोटिस के उपरांत व्यापारियों ने नाराजगी प्रकट की तथा हंगामा एवं नारेबाजी भी की|बोर्ड

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पालिका द्धारा दुकान के किरायेदारों को बकाया वसूली हेतु नोटिस भी दिए गए

परंतु किसी भी व्यापारी ने वृद्धि किए गए किराए में कोई भी पैसा जमा करना मुनासिब नहीं समझा व्यापारियों के आक्रोश को देखते हुए अधिशासी अधिकारी डॉ राजेश कुमार ने व्यापारियों से कहा कि वह अपनी शिकायत कार्यालय में दर्ज कराएं एकत्रित की गई शिकायतों को अपर जिलाधिकारी को भेज दी जाएंगी अधिकारी जो भी डिसीजन लेंगे वह मान होगा। परंतु अपर जिलाधिकारी द्वारा भी व्यापारियों के प्रार्थना पत्र को यह कहते हुए खारिज कर दिया की दुकानों का किराया 4 नवंबर वर्ष 2020 में बोर्ड की बैठक के प्रस्ताव में पारित किया गया है तथा बोर्ड को ही अधिकार है। कि वह किराए में वृद्धि करें या किराए को शासन के दिशा निर्देशों के अनुरूप लागू करेंI

अपर जिलाधिकारी प्रशासन द्धारा नगर सहसवान के किराएदार व्यापारियों के भेजे गए प्रार्थना पत्र को निरस्त करने के उपरांत प्रार्थना पत्र वापस करने के उपरांत किरायेदारों को यह आस जगी कीबोर्ड द्वारा किए गए किराए वृद्धि के प्रस्ताव को बोर्ड में ही बोर्ड अध्यक्ष की सहमति पर ही निर्णय लिया जा सकता है जिस पर पालिका के किराएदार व्यापारियों में किराया कम होने की कुछ आस जगी।

बोर्डपरंतु नगर पालिका परिषद के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मीर हादी अली उर्फ बाबर मियां के द्धारा 20 जून को नवनिर्वाचित बोर्ड सदस्यों की बुलाई गई। बैठक में किसी भी सदस्य द्धारा पालिका के दुकान किरायेदारों की किराया वृद्धि की पीड़ा को बोर्ड के समक्ष नहीं रखा जिस पर कोई भी निर्णय किराया वृद्धि को लेकर नहीं हो सका जानकार सूत्रों का कहना है।

कि अगर कोई भी बोर्ड सदस्य बैठक में नगर पालिका परिषद की दुकानों के किराएदार के किराए में की गई बेतहाशा वृद्धि कम करने का प्रस्ताव रख दिया जाता तो निश्चित बोर्ड को अधिकार है कि वह दुकानों के बड़े लेकर आए को बोर्ड सदस्यों की सहमति से कोई भी निर्णय लेने को स्वतंत्र है परंतु जब किसी भी बोर्ड सदस्य द्वारा किराया वृद्धि का प्रस्ताव नहीं रखने से 4 नवंबर वर्ष 2020 को बोर्ड सहमति से दुकानों के किराए में ₹2000 प्रतिमाह के किराए की की गई वृद्धि का निर्णय जारी रहा।

पालिका परिषद की दुकानों के किराए में की गई बेतहाशा वृद्धि को कम करने या कोई भी निर्णय लेने का 20 जून को पालिका अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई पहली बैठक में कोई भी निर्णय न होने से पालिका के किरायेदारों में मायूसी छा गई और वह असमंजस में पड़ गए अब क्या होगाI

बरहाल अभी समय है।पालिका अध्यक्ष कभी भी नगर पालिका परिषद बोर्ड सदस्यों की आपात बैठक बुलाकर पालिका की दुकानों के किरायेदारों के किराए में की गई वेतन वृद्धि पर निर्णय लेकर व्यापारियों को किराया वृद्धि में हो रही पीड़ा को कम कर सकते हैं अब देखना है पालिका अध्यक्ष क्या निर्णय लेते हैं पालिका के दुकानों के किराए में हुई वृद्धि को कम करते हैं या फिर उसे,,,,,,,,,,,बोर्ड

सचिवालय

 

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