नगर सहसवान के हिंदू-मुस्लिम एकता की व सांप्रदायिक सौहार्द की बीच की कड़ी थे:-हाजी नूरुउद्दीन

नगर सहसवान के हिंदू-मुस्लिम एकता की व सांप्रदायिक सौहार्द की बीच की कड़ी थे:-हाजी नूरुउद्दीन रिपोर्ट – एस.पी सैनी सहसवान| नगर सहसवान की राजनीति के…

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नगर सहसवान के हिंदू-मुस्लिम एकता की व सांप्रदायिक सौहार्द की बीच की कड़ी थे:-हाजी नूरुउद्दीन

रिपोर्ट – एस.पी सैनी

सहसवान| नगर सहसवान की राजनीति के 45 साल सफर करने के उपरांत पूर्व पालिका अध्यक्ष नूरुउद्दीन अपने शुभचिंतकों व परिचितों रिश्तेदारों तथा सांप्रदायिक सौहार्द की एक मजबूत कड़ी को छोड़कर रोता बिलखते छोड़कर हमेशा के लिए चिर निद्रा में सो गए। उनके निधन की खबर जैसे ही उनके समर्थको परिचितों रिश्तेदारों को लगी उनके घरों कूच करना प्रारंभ कर दिया। नगर में शोक की लहर दौड़ गई जिसने भी सुना जिसे भी जानकारी मिली एक बार तो लोगों को विश्वास ही नहीं रहा शायद मिलनसार सांप्रदायिक सौहार्द की एक मजबूत कड़ी उनको रोता बिलखते छोड़कर वह हमेशा के लिए ऐसी जगह चले जाएंगे जहां से दोबारा उनका आना संभव नहींI

नगर के मोहल्ला चौधरी निवासी बख्तियार उद्दीन के सबसे बड़े पुत्र नूरुउद्दीन पूर्व सांसद सलीम इकबाल शेरवानी के वर्ष 1984 में संपर्क में आए तथा राजनीति की चौखट पर प्रवेश किया उस समय कांग्रेस पार्टी का बोलबाला था। वर्ष 1988 में नूरुउद्दीन ने पहली बार राजनीति के क्षेत्र में नगर पालिका परिषद सहसवान के हरना तकिया दहलीज मिर्धा टोला रुस्तम टोला चौधरी मोहल्ला( उस समय एक ही वार्ड हुआ करता था) ने नगर पालिका परिषद में सभासद का चुनाव लड़ा था उनके मुकाबले हबीबुल्लाह ठेकेदार चुनाव लड़े।नूरूउद्दीन

श्री नूरुउद्दीन ने उन्हें काफी मतों से हराकर पालिका सदस्य पद का चुनाव जीतए हुए

राजनीतिक पायदान को गति प्रदान की उसके बाद उन्होंने मोहल्ला मिर्धा टोला चौधरी मोहल्ला संयुक्त रूप से बनाए गए वार्ड में आपने भाई निहालउद्दीन को पालिका सदस्य पद पर चुनाव लड़ाया उन्हें भी काफी मतों से जीत हासिल हुई। वर्ष 1917,1923 में अपने अनुज शाहाबुद्दीन को भी निर्विरोध सभासद बनाने में अहमा भुमिका अदा की।

वर्ष 1995 में पू्र्व विधायक मीर मजहर अली उर्फ नन्हे मियां, के आकस्मिक निधन के उपरांत खाली हुई सहसवान विधानसभा की सीट पर उपचुनाव में नूरुउद्दीन ने सहसवान विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी के रूप में दूसरा चुनाव लड़ा परंतु समाजवादी लहर के चलते नूरदीन को हार का सामना करना पड़ा वर्ष 2000 में नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के लिए नूरुउद्दीन पहला चुनाव लड़ा परंतु सफलता नहीं मिली।

वर्ष 2006 में भी उन्हें जब लगातार सफलता नहीं मिली। तब उन्होंने वर्ष 2012 में नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा।

जहां उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी मीर अफजल अली उर्फ अच्छे मियां की पत्नी निकहत जहां को भारी मतों से पराजित करते हुए नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद की कुर्सी पर विराजमान हुए नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद की कुर्सी पर विराजमान होने के उपरांत उन्होंने नगर के चौतरफा विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जहां-जहां लोगों ने उनसे विकास कार्य करने की गुहार की उन्होंने विकास कार्य कराए।

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अपने अध्यक्ष पद के कार्यकाल के समय नूरुउद्दीन ने नगर पालिका परिषद प्रांगण में नूर पार्क का निर्माण कराया साथ ही साथ उन्होंने नगरपालिका परिषद से संबद्ध पन्ना लाल इंटर कॉलेज की खस्ताहाल भवन का जीर्णोद्धार कराने के साथ ही कई भवन बनवाए 2012 से 2017 तक श्री नूरुउद्दीन द्धारा नगर में कराए गए विकास कार्यों को नगरवासी कभी नहीं भूल पाएंगे 2017 के चुनाव में तथा 2023 के चुनाव में भी उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा परंतु उन्हें निराशा हाथ लगीI

अध्यक्ष पद के समय श्री नूरुउद्दीन नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद कक्ष में बैठकर नगर की जनता इस समस्याओं को सुनते थे।

तथा उनका निदान करने का पूर्ण प्रयास करते थे। अपने अध्यक्ष पद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी श्री नूरुउद्दीन जनसेवा के रूप में डार्लिंग रोड पर स्थित अपने निजी आवास पर जनता की समस्या सुना करते थे। उनके पास जो भी अपनी समस्या लेकर जाता था वह उसका निराकरण करने का हर संभव प्रयास करते थे।

उन्होंने नगर में कई ऐसे परिवारों को एकता की डोर में बांधने का भी प्रयास किया जिनमें दुश्मनी काफी समय से चली आ रही थी नगर में जब-जब सांप्रदायिक सौहार्द खराब करने के लिए सांप्रदायिक ताकतों ने उठाने का प्रयास किया तो उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द की मजबूती के लिए अकेले ही ताल ठोक दी तथा शासन-प्रशासन व नगर की जनता के बीच की कड़ी बनकर सांप्रदायिक सौहार्द को बिगड़ने से रोक दिया।

उन्होंने शासन प्रशासन के लोगों को आश्वस्त किया की सहसवान नगर की आवाम बहुत अच्छी है यह कभी भी सांप्रदायिक सौहार्द खराब नहीं हो सकता शासन प्रशासन उनके इस आश्वासन से पूरी तरीके से मैन हो जाता था नूरुउद्दीन पूर्व सांसद केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी के काफी चहेते थे बात ही नहीं खत्म नहीं होती श्री शेरवानी का साया उन पर हमेशा छाया रहा उन्होंने जब श्री शेरवानी को याद किया तब शेरवानी साहब उन्हें आशीर्वाद देने आ पहुंचेI

श्री नूरुउद्दीन मधुर ग्रुप के चेयरमैन समाजसेवी ठाकुर योगेंद्र पाल सिंह तोमर से भी उनके संबंध एक छोटे बड़े भाई की तरह यदा-कदा उनके आवास पर राजनीतिक गुड हासिल करते रहते थेI

श्री नूरुउद्दीन कांग्रेस पार्टी जिला अध्यक्ष ओंकार सिंह पूर्व विधायक आबिद रजा के अलावा जनपद भर के कई नेताओं से भी उनके संबंध रहे। कांग्रेस पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में वर्ष 1994 में पूर्व स्वर्गीय मुख्यमंत्री एनडी तिवारी भी उनके आवास पर आए थे तथा उन्हें कई राजनीतिक गुण विरासत में दिए थेI

श्री नूरुउद्दीन की मृत्यु की खबर जैसे ही तड़के सुबह नगर सहसवान में पहुंची लोगों को विश्वास ही नहीं हुआ एक कर्मठ जुझारू सांप्रदायिक सौहार्द की मजबूत कड़ी हमारे बीच से यूं ही हमको रोते बिलखते छोड़कर उस जगह चली जाएगी जहां जाने के बाद दोबारा कोई वापस नहीं आता हैl

बरहाल नगर सहसवान की सांप्रदायिक सौहार्द की मजबूत कड़ी तथा नगर के राजनीति के एक मजबूत स्तंभ की असमय मृत्यु से पूरा नगर स्तब्ध दिखाई दे रहा है उनके द्धारा नगर में कराए गए विकास कार्य उनके द्धारा नगर में प्रतिदिन सुनी जाने वाले जनता के दर्द तथा उनके दर्द को दूर करने के अपनाए गए निर्णय नगर की जनता कभी भूल नहीं पाएगी।नूरुउद्दीन

सचिवालय

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