मधुमक्खियों को बचाने के लिए 20 चिड़ियों को मार डाला, दो भाइयों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
बदायूँ। म्याऊं में 20 चिड़ियों को मार डाला गया। इस मामले में दो भाइयों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। वहीं मृत चिड़ियों को पोस्टमार्टम के लिए बरेली आईवीआरआई भेजा गया है।
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक गांव चितौरा निवासी बबलू और उसका भाई हरवंश म्याऊं कस्बे में उसावां रोड पर मधुमक्खी पालन करते हैं। उन्होंने म्याऊं के चमनपाल का खेत किराये पर ले रखा है। मंगलवार सुबह जब म्याऊं के लोग मधुमक्खी पालन प्लांट की ओर गए।
उन्होंने खेतों में तमाम चिड़ियों को मृत अवस्था में पड़ा देखा। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी।
रेंजर अमित सोलंकी, वन दरोगा हुकुम सिंह, वन रक्षक बीट प्रभारी राम सिंह शाक्य और वन रक्षक बीट प्रभारी उसावां प्रेमपाल सिंह मौके पर पहुंच गए।उन्होंने खेतों में सर्च अभियान चलाया।आसपास खेतों में 20 नीलकंठ चिड़ियां मृत पाई गईं। पांच चिड़ियां गंभीर अवस्था में थीं। इन्हें म्याऊं के पशु अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने इनका उपचार किया। हालांकि शाम तक पांचों चिड़िया स्वस्थ हो गईं।
छानबीन में पता चला कि मधुमक्खी पालन करने वाले दोनों भाइयों ने अपने प्लांट में जहरीला पदार्थ मिलाकर कुछ खाद्य पदार्थ डाला था, जिसे खाने से चिड़िया मर गईं। बताया जाता है कि ये चिड़िया उनकी मधुमिक्खयों को खा जाती थीं। इससे उन्होंने योजना बनाकर प्लांट के आसपास जहरीला पदार्थ फैला दिया। हालांकि टीम पहुंचने से पहले आरोपी भाग गए। वन रक्षक राम सिंह शाक्य ने बबलू और हरवंश के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम व वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई है। थाना पुलिस ने दोनों आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
वन विभाग के रेंजर अमित सोलंकी ने बताया कि म्याऊं के ग्रामीणों ने सूचना दी थी कि खेत में चिड़िया मृत पड़ी हुई हैं। इस पर टीम पहुंची, लेकिन आरोपी भाग गए। खेत में 20 इंडियन रोलर बर्ड पड़ी मिली हैं। उन्हें पोस्टमार्टम के लिए बरेली आईवीआरआई भेजा गया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है।
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