सहसवान सीएचसी में ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मचारी की लापरवाही से जच्चा-बच्चा की मौत
परिजनों ने किया हंगामा,स्वास्थ्य कर्मचारियों ने फोन करके बुलाई पुलिस
परिजन बिना किसी कार्रवाई किए किए जच्चा बच्चा के शव को ले गए घर
रिपोर्ट – एस.पी सैनी
सहसवान।नगर में 15 अगस्त की भोर में सीएचसी जच्चा बच्चा केंद्र में प्रसव के लिए आई एक महिला ने दर्द से तड़पते हुए दम तोड़ दिया जबकि ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मचारी अपना रूम बंद करके सो गई दर्द से तड़पते हुए दम तोड़ने वाली महिला के परिजनों ने जब स्वास्थ्य केंद्र पर हंगामा किया तब स्वास्थ्य कर्मचारियों ने थाना कोतवाली पुलिस को फोन करके बुला लिया पुलिस ने मृतक जच्चा बच्चा के परिजनों से पुलिस कार्रवाई किए जाने के लिए अनुरोध भी किया परंतु लाचार कमजोर मृतका के परिजनों ने पीएम कराने से इंकार करते हुए किसी भी कार्रवाई करने से इंकार कर दिया तथा मृतका के शव को बिना किसी कार्रवाई किए हुए वह घर वापस ले गए।तथा उसका देर श्याम मृतका के शव को कब्रिस्तान में दफन कर दियाl

जानकारी के मुताबिक सीएचसी सहसवान के अंतर्गत ग्राम रेलई माधोपुर निवासी मजदूर मेहरबान की 30 वर्षीय पत्नी आसमा बेगम गर्भवती थी। प्रसव पीड़ा होने पर परिजन 15 अगस्त को रात 12:00 बजे के लगभग जच्चा बच्चा केंद्र पर पहुंचे जहां प्रशब के लिए के लिए दर्द से तड़पती आसमान बेगम को ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मचारी पूनम पांडे ने भर्ती कर लिया भर्ती करने के उपरांत प्रसव के लिए जो भी औपचारिकताएं होती हैं।पूर्ण करना प्रारंभ कर दी परिजनों का आरोप है।औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद स्वास्थ्य कर्मचारी पूनम पांडे अपने कक्ष में आराम करने के लिए चली गई और उन्होंने अंदर से कमरा बंद कर लिया दर्द से तड़पने पर तथा स्वास्थ्य कर्मचारी पूनम पांडे को बार-बार बुलाने के बाद भी जच्चा-बच्चा की हालत नहीं देखने पर जच्चा बच्चा की हालत बिगड़ती चली गई।
जिसके कारण सीएचसी स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही से आसमा बेगम ने दर्द से तड़पते हुए रात 3:00 बजे के लगभग दम तोड़ दिया।
आसमा बेगम की मृत्यु की खबर जब परिजनों को हुई तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया हंगामा होते देख स्वास्थ्य कर्मचारियों ने तत्काल थाना कोतवाली पुलिस को बुला लिया मौके पर पहुंची पुलिस ने हंगामा कर रहे परिजनों से महिला के शव को सील करके पोस्टमार्टम हेतु भेजने का आग्रह किया जिस पर परिजन तैयार नहीं हुए परिजनों का कहना था कि उनकी हालत बहुत ही दयनीय है। उनके पास खाने तक को पैसे नहीं है जिस कारण वह मृतका के शव का पोस्टमार्टम नहीं कराएंगे वह कोई कार्यवाही नहीं करना चाहते मृतक आसमा के परिजन रोते बिलखते हुए सीएचसी केंद्र से शव को घर वापस ले गए जहां उन्होंने शाम को उसका अंतिम संस्कार कर दियाl
जानकारी के मुताबिक जच्चा बच्चा आसमां का पति मेहरबान लकड़ी काटने का काम करता है।तथा उसके परिवार घास फूस एवं पन्नी के नीचे प्रवास करता है उस की दयनीय स्थिति काफी नाजुक है।मेहरबान ने बताया कि उसकी हालत ऐसी नहीं है।कि वह कोई कार्रवाई कर सके परंतु उसकी पत्नी के साथ सीएचसी स्वास्थ्य कर्मचारियों ने जो लापरवाही की है वह किसी अन्य जच्चा बच्चा के साथ न हो क्योंकि वह तो गरीब है जैसे-तैसे सह लेगा यही नहीं मेहरबान ने बताया की जब आसमा को लेकर जच्चा-बच्चा केंद्र पहुंचे तो वहां सीएचसी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मचारी पूनम पांडे ने मेरी मां से भर्ती करने के नाम पर ₹3000 की नगदी वसूल कर ली उसके बावजूद भी स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कितनी लापरवाही की उसकी मौत हो गईl
वरहाल जच्चा-बच्चा केंद्र सहसवान में 15 अगस्त की भर में एक स्वास्थ्य कर्मचारी की लापरवाही से जच्चा बच्चा की हुई मौत से एक प्रश्न तो पैदा होता है। कि मृतक जच्चा बच्चा के परिजनों ने स्वास्थ्य कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने से तो इंकार कर दिया। परंतु स्वास्थ्य कर्मचारियों ने जो मृतक परिवार को जख्म दिया है क्या उसकी भरपाई कभी हो सकती है मृतिका के 5 छोटे बच्चे हैं तथा आसमा को छटे बच्चों के प्रसब के लिए भर्ती कराया था परंतु उसकी मौत हो गई बताया जाता है।इससे पूर्व भी 26 जनवरी को उपरोक्त स्वास्थ्य कर्मचारी पूनम पांडे द्धारा जच्चा बच्चा केंद्र में ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ नाचते हुए भी वीडियो वायरल हो चुका है।
बरहाल अब देखना है।की 15 अगस्त की भोर में सीएचसी स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही से एक जच्चा-बच्चा की जान तो चली गई उसके परिजनों ने स्वास्थ्य कर्मचारी पर कोई कार्रवाई नहीं की परंतु स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी क्या इस मामले में स्वास्थ्य कर्मचारी की लापरवाही की जांच करेंगे या फिर जांच पर कोई आंच नहीं आने देंगे यह क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।इस बाबत चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर प्रशांत त्यागी से मोबाइल पर बात करने का प्रयास किया गया परंतु उनके मोबाइल का नेटवर्क बाहर बताया।