Uttarakhand News : उत्तराखंड में सत्ता में वापसी के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस को संविधान बचाओ रैली के माध्यम से एक नई ताकत मिली है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका गांधी की रुड़की में हुई रैली के बाद यह कांग्रेस की सबसे बड़ी रैली थी। इस रैली में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की एकजुटता साफ नजर आई, जो पार्टी के भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत है। हालांकि, इस रैली में भीड़ की संख्या उतनी नहीं थी जितनी उम्मीद की जा रही थी, लेकिन फिर भी इसे कांग्रेस के लिए एक बूस्टर डोज के रूप में देखा जा सकता है।
Uttarakhand News : रैली के माध्यम से 2027 के चुनाव की तैयारी
रैली के दौरान कांग्रेस नेताओं ने 2027 के विधानसभा चुनाव पर जोर दिया और कहा कि अगर पार्टी को जीत हासिल करनी है, तो अब से ही चुनावी तैयारियां शुरू करनी होंगी। नेताओं ने इस बात पर भी बल दिया कि पार्टी के अंदर निहित स्वार्थों को छोड़कर केवल पार्टी हित में काम करना होगा। यह संदेश साफ था कि कांग्रेस को सत्ता में वापसी के लिए एकजुट होकर कार्य करना होगा, और उसके लिए यह रैली सिर्फ एक शुरुआत है।
Uttarakhand News : कुमारी शैलजा की अनुपस्थिति पर सवाल
कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली में प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा की अनुपस्थिति ने पार्टी नेताओं को चुप्प कर दिया। शैलजा के बारे में यह उम्मीद की जा रही थी कि वह इस महत्वपूर्ण रैली में शामिल होंगी, लेकिन वह नहीं आईं। दिसंबर 2023 में पदभार संभालने के बाद से शैलजा शायद ही दो-तीन बार ही उत्तराखंड आई हैं। इससे पार्टी में उनके सक्रिय होने को लेकर सवाल उठने लगे हैं। शैलजा की अनुपस्थिति पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं में नकारात्मक संदेश दे सकती है।
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Uttarakhand News : रैली में असंगठित तैयारी और कम भीड़
रैली की तैयारियों के बारे में कहा जा रहा था कि वह बहुत योजनाबद्ध थीं, लेकिन रैली स्थल पर उमड़ी भीड़ अपेक्षाकृत कम थी। प्रचार के बावजूद भी रैली में इतनी भीड़ नहीं जुटी जितनी उम्मीद की जा रही थी। इस कारण रैली स्थल पर खाली कुर्सियां दिखीं, और लोग पेड़ की छांव में बैठकर कार्यक्रम का हिस्सा बने। मंच पर भाषण के दौरान नेताओं के बीच पांडल पर चढ़ने को लेकर होड़ मची रही, जो पार्टी के भीतर की असंगठित स्थिति को दर्शाता है।

