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Upnews सपा द्वारा शेरवानी को राज्यसभा मैं ना भेजने की वजह कही 2019 के लोकसभा चुनाव में धर्मेंद्र यादव का विरोध करना तो नहीं

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समर इंडिया के लिए एसपी सैनी की रिपोर्ट बदायूं

लोकसभा मैं लगभग तीन दशक तक राजनीति का मजबूत स्तंभ कहे जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी को समाजवादी पार्टी के हाई कमान द्वारा आश्वासन देने के बावजूद राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी घोषित न किए जाने की वजह वर्ष 2019 में बदायूं लोकसभा से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी तथा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव को कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी सलीम इकबाल शेरवानी का विरोध करना तो ऐसा मानना क्षेत्रीय लोगों का है जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है वर्ष 2019 मैं बदायूं लोकसभा चुनाव मैं सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव भाजपा प्रत्याशी के हाथों पराजित हुए जबकि कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में सलीम शेरवानी ने 51947 मत प्राप्त किये सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को 492898 तथा भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी जो पहली बार महिला प्रत्याशी के रूप में चुनाव में उतरी संघमित्रा मौर्य को 511352 मत मिले भाजपा प्रत्याशी प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को 18454 मतों से पराजित कर दिया सपा कार्यकर्ताओं में चर्चा है कि अगर श्री शेरवानी 2019 का लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में न उतरने तो धर्मेंद्र यादव को पराजित नहीं होना पड़ता धर्मेंद्र यादव ने वर्ष 2009 वर्ष 2014 में बदायूं लोकसभा का समाजवादी पार्टी प्रत्याशी के रूप में संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज कर चुक हैं हैट्रिक के रूप में धर्मेंद्र यादव को वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव बहुत मायने रखता था जो वह प्रत्याशी से मात्र 18454 मतों से हार गए जबकि प्रदेश में मोदी लहर के चलते सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव ने 492898 मत हासिल किए थे l

 

 

 

वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में बदायूं लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी ने लगातार 11वीं 12वीं 13वीं 14वीं संसद में समाजवादी पार्टी के पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी समाजवादी पार्टी प्रत्याशी के रूप में लगातार चार बार जीत हासिल की जबकि वर्ष 1984 में कांग्रेस लहर के चलते पहली बार सलीम इकबाल शेरवानी बदायूं लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पहला चुनाव लड़े थे जिसमें उन्होंने भारी मतों से विजय हासिल की थी वर्ष 1984 में श्री शेरवानी पहली बार केंद्रीय मंत्री बने तथा दूसरी बार समाजवादी पार्टी संसद के रूप में केंद्र में मंत्री बनाए गए बदायूं लोकसभा क्षेत्र से श्री शेरवानी का गहरा नाता रहा है वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में जब श्री शेरवानी को समाजवादी पार्टी हाई कमान ने लोकसभा का टिकट बदायूं लोकसभा से नहीं दिया तब वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए तथा कांग्रेस पार्टी में शामिल होकर श्री शेरवानी ने 2009 का बदायूं लोकसभा चुनाव लड़ा था जिसमें समाजवादी पार्टी धर्मेंद्र यादव को 233744 मत तथा शेरवानी को 193834 मत प्राप्त हुए धर्मेंद्र यादव बदायूं लोकसभा के लिए प्रथम बार चुनाव जीत का लोकसभा पहुंचे थे वर्ष वर्ष 2019 में बदायूं लोकसभा में सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव ने चुनाव लड़ा भाजपा प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य पहली बार चुनाव मैदान में उतनी जिन्होंने समाजवादी पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी जो तीसरी बार चुनाव मैदान में थे धर्मेंद्र यादव को मात्र 18454 मतों से पराजित कर दिया जबकि प्रदेश में मोदी तथा योगी लहर चल रही थी इस लहर में भी धर्मेंद्र यादव ने 492898 मत प्राप्त किए थे श्री शेरवानी को मात्र 51947 मत प्राप्त हुए थे सपा खेमे में इस बात की चर्चा है कि अगर शेरवानी वर्ष 2019 में धर्मेंद्र यादव सपा प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव ना लड़ते तो धर्मेंद्र यादव बदायूं लोकसभा से लगातार अपनी हैट्रिक बनाने में कामयाब हो जाते धर्मेंद्र यादव की हैट्रिक रोकने में सबसे ज्यादा कसूरवार बदायूं लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में उतरे पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी है जबकि श्री शेरवानी बदायूं लोकसभा से कांग्रेस पार्टी के रूप में वर्ष 1984 तथा समाजवादी पार्टी से लगातार 1996 1998 1999 2004 चुनाव जीतकर लोकसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज करते रहे हैं उनका लगातार क्षेत्र में भ्रमण कार्यकर्ताओं से संपर्क निरंतर जारी रहा जिसके कारण उन्हें बदायूं के मतदाता विशेष तौर से अल्पसंख्यक वर्ग पिछड़े वर्ग के लोग काफी स्नेह करते हैं इसी लगाव के चलते श्री शेरवानी बदायूं लोकसभा क्षेत्र से अपना निरंतर संपर्क बनाए रहते हैं यही कारण है की श्री शेरवानी ने समाजवादी पार्टी हाई कमान द्वारा पी डी ए की घोषणा करते हुए लोकसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया इसी निर्णय के चलते श्री शेरवानी को सपा हाई कमान द्वारा आश्वासन दिया गया कि अल्पसंख्यकों के हितों को देखते हुए एक अल्पसंख्यक को राज्यसभा में अवश्य भेजा जाएगा परंतु जब हाई कमान द्वारा राज्यसभा प्रत्याशियों की घोषणा हुई तो उसे सूची से पी ढ़ी ए के नारे को अनदेखा कर दिया गया राज्यसभा की सूची में उच्च वर्ग के उन लोगों के नाम भेजे गए जिनका अल्पसंख्यक पिछड़े दलित वर्ग के लोगों की आवाज उठाने का कोई मकसद नहीं है क्योंकि जिन राज्यसभा प्रत्याशियों के लिए सूची में नाम रखे गए हैं वह लोग उच्च वर्ग के साथ बड़े घराने का प्रतिनिधित्व करते हैं l

 

 

 

यही नहीं श्री शेरवानी के खासो खास समझे जाने वाले पूर्व राष्ट्रीय सचिव ठाकुर योगेंद्र सिंह तोमर ने सपा हाई कमान पर आरोप लगाया कि उन्होंने श्री शेरवानी पर दवाब बनाकर बदायूं लोकसभा का समाजवादी पार्टी प्रत्याशी के रूप में धर्मेंद्र यादव के नाम की घोषणा कराई थी जिससे श्री शेरवानी कोई विरोध ना कर सके l श्री शेरवानी ने भी समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे गए राष्ट्रीय महासचिव पद के त्यागपत्र में बताया की पार्टी हाई कमान पी डी ए के सहारे उत्तर प्रदेश में लोकसभा 2019 का चुनाव जितना चाहता है परंतु पी डी ए समाज के लोगों को उच्च सदन में भेज कर समाज की आवाज उठाने के लिए कोई जिम्मेदारी देना नहीं चाहता अगर उच्च सदन में पी डी ए वर्ग के पार्टी द्वारा नहीं भेजे जाएंगे तो ऐसे पार्टी के खोखले तारों से पी डी ए वर्ग के लोगों को कोई लाभ होने वाला नहीं है श्री शेरवानी ने अपने त्यागपत्र में यह भी बताया कि अगर हाई कमान मुझे लोकसभा नहीं भेज सकता तो समाजवादी पार्टी में कई अल्पसंख्यक वर्ग के नेता हैं दलित वर्ग के नेता हैं उन्हें राज्यसभा में भेजा जा सकता है पार्टी हाई कमान द्वारा राज्यसभा मैं पी डी ए वर्ग के लोगों को ना भेजे जाने से श्री शेरवानी ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि ऐसे पार्टी में रहने से कोई फायदा नहीं जिसकी कथनी करनी में फर्क हो जो सिर्फ चुनावी फायदे के लिए मुसलमान तथा दलित वर्ग के लोगों को लुभावने नारे देकर उनका वोट हासिल करें इसलिए मैं समाजवादी पार्टी हाई कमान के निर्णय से संतुष्ट होकर अपने समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय महासचिव पद से त्यागपत्र दे रहा हूं l

 

 

 

 

श्री शेरवानी द्वारा राष्ट्रीय महासचिव पद से त्यागपत्र देने के तीन दिन बाद ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव बदायूं अलीगढ़ संभल जनपदों में समाज सेवा के बल पर हजारों दिलों पर राज करने वाले कर्मठ जुझारू निर्भीक निष्ठावान सक्रिय ठाकुर योगेंद्र सिंह तोमर ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र भेजकर पार्टी हाई कमान द्वारा पी डी ए का नारा देकर पी डी ए को कोई महत्व न दिए जाने मुसलमान को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया l

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