इस्लामनगर में बारूद के तेज धमाके के साथ उड़ा दो मंजिला मकान..मां-बेटे की मौत

इस्लामनगर में बारूद के तेज धमाके के साथ उड़ा दो मंजिला मकान..मां-बेटे की मौत

धराशायी मकान का मलबा हटाने को लगानी पड़ीं पांच जेसीबी, तब मिला तैमूर का शव

बदायूं|इस्लामनगर कस्बे में आज सोमवार दोपहर को करीब सवा तीन बजे आतिशबाजी में तेज धमाका हुआ। इससे दो मंजिला मकान धराशायी हो गया। आग लग गई। पटाखे जले तो कई धमाके हुए, जिससे दहशत फैल गई। मकान में मौजूद आतिशबाज की पत्नी, बेटा और दो बेटियां मलबे में दब गईं। धमाका इतनी तेज था कि आसपास के रहने वाले चीखते हुए घरों से निकालकर भागे। जब बारूद के धमाके थमे तो बचाव कार्य शुरू हुआ। हादसे में आतिशबाज की पत्नी और बेटे की मौत हो गई। दोनों बेटियां घायल हुई हैं। उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इस्लामनगर कस्बा निवासी अख्तर का सड़क किनारे दो मंजिला मकान था। वह मकान के बाहरी हिस्से में गोल्डनइवेंट नाम से दुकान चलाता था। मकान में ही आतिशबाजी का भंडारण किया गया था। अख्तर सोमवार को कस्बे से बाहर गया था। उसकी पत्नी सलामत बेगम (35), बेटी अर्फी (7), तमन्ना (3) और बेटा तैमूर (5) घर पर थे। घर के अंदर आतिशबाजी बनाने को भारी मात्रा में बारूद रखी थी। दोपहर को सवा तीन बजे अचानक दुकान में रखी आतिशबाजी में तेज धमाका हो गया।धमाके के साथ दो मंजिला मकान धराशायी हो गया। विस्फोट इतना तेज था कि ध्वस्त मकान का मलबा, आसपास के घरों में जाकर गिरा। मौके पर चीत्कार मच गई। लोगों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची थाना पुलिस ने लोगों के साथ मलबे को हटाकर बचाव कार्य शुरू किया।एसडीएम बिल्सी प्रवर्धन शर्मा और सीओ सुशील कुमार ने मौके पर पहुंचे, तब पता लगा कि आतिशबाज का परिवार दबा है। पांच जेसीबी मंगाईं गईं और मलबा हटाने में लोग जुटे। तीन एंबुलेंस को मौके पर बुलाया गया। डॉक्टरों की टीम के साथ एंबुलेंस पहुंची।कड़ी मशक्कत के बाद अर्फी और तमन्ना को निकाला गया। बाद में सलामत बेगम को निकाला गया और एंबुलेंस से सीएचसी भेजा गया, लेकिन वहां पहुंचाने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया।हादसे के करीब ढाई घंटे बाद तैमूर को मलबे से निकाला गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। मां-बेटे की मौत से परिवार में कोमराम मचा हुआ है।धमाके के बाद से ही चीख पुकार मची हुई है।डीएम और एसएसपी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। जांच के निर्देश दिए गए हैं।एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि अख्तर के पिता असगर अली के नाम से आतिशबाजी का लाइसेंस था। बताया जा रहा है कि मकान में आतिशबाजी का भंडारण किया गया था। घटना की जांच कराई जा रही है।

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