नई दिल्ली- राष्ट्रपति डोनाल्ड Trump द्वारा कई देशों पर टैरिफ लगाए जाने के बाद दुनियाभर की स्टोक मार्किट में हाहाकार मचा हुआ है। अमेरिका के 2 अप्रैल को दुनिया के देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा के साथ ही ही चीन के आयातित सामान पर भारी-भरकम टैरिफ लगाया था।
Trump ने ‘व्हाइट हाउस’ में की इफ्तार पार्टी
अब चीन भी ट्रंप को उन्हीं की भाषा में जवाब दे रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि धमकी और दबाव से चीन से निपटने का सही तरीका नहीं है। प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि ये टैरिफ ‘विशिष्ट एकतरफावाद और संरक्षणवाद, तथा आर्थिक धौंस’ हैं, उन्होंने आगे कहा कि पारस्परिकता के नाम पर अमेरिकी टैरिफ अन्य देशों की कीमत पर केवल अपने हितों की पूर्ति करते हैं।
सभी आयातों पर Trump के एकतरफा 10% टैरिफ इकट्ठा कर रहे
पिछले हफ़्ते ट्रंप ने ज़्यादातर अमेरिकी व्यापार साझेदारों पर लगाए गए भारी शुल्कों के हिस्से के रूप में चीनी सामानों पर अतिरिक्त 34 फीसदी टैरिफ़ लगाया, जिससे इस साल चीन पर कुल शुल्क 54% हो गया। चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कई अहम कदम उठाए। लिन ने इस सवाल को टाल दिया कि क्या चीन संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बातचीत में शामिल होगा?
अमेरिकी सीमा शुल्क एजेंट शनिवार से कई देशों से सभी आयातों पर Trump के एकतरफा 10% टैरिफ इकट्ठा कर रहे हैं। लिन ने कहा,’अमेरिका द्वारा टैरिफ का दुरुपयोग, देशों को, विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण के देशों को, उनके विकास के अधिकार से वंचित करने के समान है।’ उन्होंने प्रत्येक देश में अमीर और गरीब के बीच बढ़ते अंतर तथा कम विकसित देशों पर अधिक प्रभाव पड़ने का हवाला दिया।